24 सितंबर को भारत ऐसा क्या करने जा रहा है? पता चलने पर चीन घबराया, बंगाल की खाड़ी में भेजा युआन वांग 5 जासूसी जहाज

By अभिनय आकाश | Sep 22, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना ने दुश्मन के एयर डिफेंस कवच को तोड़ने की ऐसी नायाब तरकीब अपनाई, जिसे इस संघर्ष की बड़ी उपलब्धि के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा।  भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। पाकिस्तान की एक भी मिसाइल भारत को चीर नहीं पाई। दुनिया के सबसे ताकतवर सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस की ताकत कुछ ऐसी है कि चीन जैसा देश भी इसका सामना करने से कतराता है। जल, थल, नभ तीनों क्षेत्र में हिंद की सेना अपनी ताकत को और मजबूत करने की कोशिश में लगातार लगी हुई है। वहीं भारत पर नजर रखने के लिए ड्रैगन हर पैंतरे आजमा रहा है। जासूसी करने के लिए चीन के जासूसी जहाज युआन वांग 5 की भारत के पास के समुद्री क्षेत्र में वापसी हुई है। आपको 2022 का वो साल याद होगा जब चीन ने एक जासूसी जहाज को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर भेजा था। अब श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने के तीन साल बाद भारत के पड़ोसी समुद्री क्षेत्र में वापस आया है।  नई दिल्ली को इसमें कोई संदेह नहीं है कि चीनी जहाजों ने बंगाल की खाड़ी में भारत के मिसाइल कार्यक्रम की प्रगति को ट्रैक करने के लिए हिंद महासागर में प्रवेश किया है। भारत युआन वांग 5 की हिंद महासागर में गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है।

इसे भी पढ़ें: UN में किससे भिड़ गए ट्रंप, चीन भी देखता रह गया, जीत गया बलूचिस्तान, संयुक्त राष्ट्र में क्या-क्या हुआ?

चीन ने बंगाल की खाड़ी में भेजा जासूसी जहाज?

डेकन्न हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी का युआन वांग 5 अत्याधुनिक उपग्रह और मिसाइल ट्रैकिंग पोत हिंद महासागर क्षेत्र में वापस आ गया है। ऐसी अटकलें हैं कि भारत 24 और 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक हाइपरसोनिक लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। युआन वांग 5 के आखिरी बार 18 सितंबर के आसपास इंडोनेशिया के पास होने की सूचना मिली थी।  ईंधन भरवाने के नाम पर साल 2022 में 11 से 17 अगस्त तक हंबनटोटा में ये जहाज रहने वाला था। भारत ने श्रीलंका से साफ कह दिया था कि इससे इस क्षेत्र की सुरक्षा और आर्थिक हितों पर असर होगा। हंबनटोटा बंदरगाह को श्रीलंका ने 2016 में चीन की एक सरकारी कंपनी को पट्टे पर दे दिया था। 

भारत हिंद महासागर में ऐसा क्‍या करने जा रहा 

नई दिल्ली ने 24 और 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करने वाला एक NOTAM जारी किया है। इससे भारत द्वारा एक आसन्न मिसाइल परीक्षण की अटकलों को बल मिला है। सूत्रों ने डीएच को बताया कि लगभग उसी समय हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पीएलए नौसेना के जहाज की आवाजाही ने नई दिल्ली में चिंताएँ पैदा कर दीं क्योंकि इसकी दोहरे उपयोग वाली ट्रैकिंग क्षमताओं का इस्तेमाल जासूसी के लिए भी किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: Tariff की खटास TikTok से होगी दूर? ट्रंप और जिनपिंग के बीच तीन महीने बाद हुई बात

जासूसी में मास्टर है चीन

युआन वांग 5 में उच्च-सटीकता और लंबी दूरी की डाइमेंशन कॉम्पेरेटि मोनोपल्स रडार प्रणालियां हैं। ये उड़ान या कक्षा में मौजूद वस्तुओं का मैन्युअल या स्वचालित रूप से पता लगाने और उन पर नजर रखने में सक्षम हैं। इस शिफ में 400 से ज्यादा कर्मियों का दल है। यह जहाज चीनी पीएलए नौसेना के सामरिक सहायता बल द्वारा उपग्रहों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले जहाजों में से एक है। सितंबर 2007 में सेवा में प्रवेश करने के बाद से जासूसी जहाज ने 80 से अधिक कार्य किए हैं, जिनमें चीन के चालक दल के अंतरिक्ष यान शेनझोउ, चांग'ए चंद्र अन्वेषण मिशन और बेइदोउ उपग्रहों को ट्रैक करना शामिल है। इसके विशेष उपकरणों की नेविगेशन शक्ति, सुरक्षा प्रदर्शन, विश्वसनीयता और संचालन क्षमता में सुधार के लिए 2022 में इसे तकनीकी रूप से उन्नत किया गया था।

समुंदर में चीन की दादागिरी निकालने का इलाज

अब भारत की नौसेना को एक बहुत बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। नौसेना में सबमरीन में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। सबमरीन में नए तरह के रिएक्टर्स लगाए जा रहे हैं जो भारतीय सेना को और भी ज्यादा मजबूत व ताकतवर बनाएगा और बाकी सबमरीन से अलग बनाएगा। ये इसलिए भी खास है क्योंकि चीन में इस्तेमाल होने वाले सबमरीन्स से काफी उन्नत है। 

पुरानी सबमरीन की समस्या, कम पावर, कम सहनशक्ति

भारत के पास मौजूदा वक्त में 2 न्यूक्लियर सबमरीन हैं। अब जो रिएक्टर बनाया गया है। पहला रिएक्टर जो फिलहाल न्यूक्लियर सबमरीन में लगा है वो उससे ज्यादा उन्नत किस्म का है। ऐसे इस तरह से समझ सकते हैं कि पुराने रिएक्टर से इतनी एनर्जी मिलती थी कि एक पनडुब्बी 100 घंटे तक पानी के भीतर रह सकती थी। अब नए रिएक्टर के जरिए उसकी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। यानी अगर पहले 100 घंटे तक पानी के अंदर रहने की क्षमता थी तो वो अब बढ़कर सीधे 200 घंटे हो जाएगी। हिंद महासागर में चीन लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है औऱ वहां दादागिरी दिखाने की भी कोशिश कर रहा है। दुनिया में सबसे ज्यादा पनडुब्बियों के बेड़ा वाला देश चीन है। भारत के लिए बड़ा खतरा ना कभी पाकिस्तान रहा है, भात के लिए बड़ा खतरा चीन है। चीन के पास 78 पनडुब्बियां हैं। भारत के पास 12 पनडुब्बियां हैं। 

मेगा न्यूक्लियर रिएक्टर बढ़ाएगा ताकत

ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ पनडुब्बियों की एक डील की थी। उसमें डीजल प्लस इलेक्ट्रिक सबमरीन्स ऑस्ट्रेलिया को मिलने वाली थी। लेकिन उसके बाद वहां अमेरिका ने आकर खेल किया। अमेरिका ने वो डील खुद ले ली और कहा कि हम आपको न्यूक्लियर सबमरीन्स देंगे। डीजल सबमरीन्स आवाज ज्यादा करती हैं। ऐसे में सबमरीन्स को पकड़ने के रडार सिस्टम के चपेट में आने का खतरा बना रहता है। जबकि न्यूक्लियर सबमरीन बहुत कम आवाज करती है और सोनार रडार सिस्टम उसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर पाता है। 


प्रमुख खबरें

Go Nightclub Tragedy: 25 मौतें, अवैध निर्माण और सुरक्षा लापरवाही उजागर

2017 एक्ट्रेस असॉल्ट केस में बरी होने पर दिलीप की पहली प्रतिक्रिया, बोले- “9 साल साथ देने वालों का धन्यवाद”

ब्रिटेन से पाक मूल अपराधियों की वापसी के बदले दो राजनीतिक आलोचकों की मांग का दावा

Trump ने कहा- शांति प्रस्ताव पर ज़ेलेंस्की अभी तैयार नहीं, रूस ने दिखाई सहमति