भारत घरों की कीमतों में वृद्धि में 47 वें स्थान पर रहा, हंगरी चार्ट में सबसे टॉप पर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 27, 2019

मुंबई। नाइट फ्रैंक इंडिया, एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी, ने अपनी नई रिपोर्ट - ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स 2019 की तीसरी सिमाही - में आवासीय रीयल एस्टेट की कीमतों में वृद्धि के संदर्भ में भारत को 56 देशों/क्षेत्रों की सूची में 47वां स्थान दिया है, यहां घरों की कीमतों में 0.6% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स 2019 दूसरी तिमाही के पिछले संस्करण में भारत 11वें स्थान पर था - घर की कीमतों में 7.7% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। 

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धीमी बिक्री, अधिक इंवेन्ट्री और डेवलपर्स के साथ लिक्विडिटी की कमी ने घर की कीमतों में वृद्धि को प्रतिबंधित किया है। इसके अलावा, सरकार द्वारा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए नियम जैसे रियल एस्टेट (विनियम और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा), वस्‍तु एवं सेवा कर अधिनियम (जीएसटी) और बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 जैसी व्यवस्थाओं से एक स्वस्थ एंड-यूज़र मार्केट बनाने में मदद मिली है।  

 

ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स आधिकारिक आंकड़ों का उपयोग करके दुनिया भर के 56 देशों और क्षेत्रों में मुख्यधारा आवासीय कीमतों को ट्रैक करता है। हंगरी इस तिमाही में 15.4% वार्षिक मूल्य वृद्धि के साथ सूचकांक में सबसे ऊपर है, इसके बाद 11.4% पर लक्‍जमबर्ग और क्रोएशिया 10.4% पर है। दुनिया भर में 56 देशों और क्षेत्रों में कीमतें औसतन 3.7% की वार्षिक दर से बढ़ी हैं, जो कि छह वर्षों के लिए इंडेक्स की सबसे धीमी विकास दर को दर्शाता है। अधिकांश देशों और क्षेत्रों ने सितंबर 2019 में वर्ष में स्थिर या सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।

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ग्लोबल हाउस मूल्य इंडेक्स 2019 तीसरी तिमाही के प्रमुख बिंदु 

.घर की कीमतों में मामूली 0.6% की वृद्धि के साथ, भारत घरों की कीमतों में वृद्धि में 47 वें स्थान पर रहा

·हंगरी ने 15.4% की वृद्धि के साथ 2010 के बाद पहली बार वार्षिक रैंकिंग का नेतृत्व किया

·सितंबर 2019 तक 91% देशों और क्षेत्रों ने वर्ष में स्थिर या सकारात्मक वृद्धि दर्ज की

·शीर्ष 10 रैंकिंग में से 7 यूरोपीय देश और क्षेत्र थे

·दुनिया भर में 56 देशों और क्षेत्रों में कीमतें औसतन 3.7% की वार्षिक दर से बढ़ीं

·इंडेक्स ने छह वर्षों में विकास की सबसे धीमी दर दर्ज की

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श्री शिशिर बैजल, नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान, भारत के अधिकांश शीर्ष आठ शहरों में आवासीय कीमतों में वृद्धि खुदरा महंगाई की वृद्धि दर से नीचे रही है, जिससे अंतिम उपयोक्‍ता को रुचि रखने में मदद मिली है। लिक्विडिटी की कमी, उच्च इन्वेंट्री ओवरहैंग और मांग में समग्र सुस्ती ने घर की कीमतों को तर्कसंगत बनाने में अपनी भूमिका निभाई है। रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने उत्पादों को सही आकार देने के साथ कीमतों को यथार्थवादी बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अंतिम उपयोक्‍ता को आकर्षित करने और खरीदारों के आत्मविश्वास में सुधार करने में मदद कर रहा है।”

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