साक्षात्कारः मेजर ध्यानचंद के पुत्र और हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमार से ओलंपिक को लेकर बातचीत

By डॉ. रमेश ठाकुर | Jul 26, 2021

एक वर्ष विलंब से शुरू हुए टोक्यो ओलंपिक-2020 का आगाज फिलहाल हो गया। हिंदुस्तान का अब तक का सबसे बड़ा दल इस आयोजन में भाग ले रहा है। अपने खिलाड़ियों से भारतवासियों को बहुत उम्मीदें हैं, शुरूआत खिलाड़ियों ने अच्छी की है। पदक मिलने आरंभ हो गए हैं। टोक्यो ओलम्पिक में कितने मिल सकते हैं पदक और कैसी है इस बार हमारे खिलाड़ियों की तैयारी आदि इन जरूरों सवालों के साथ रमेश ठाकुर ने पूर्व हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी व मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक कुमार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।

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प्रश्न- तैयारियों के लिहाज से बात करें, तो कैसा रहेगा भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन?


उत्तर- निश्चित रूप से अच्छा रहेगा। कुशल ट्रेनरों-कोचों से ट्रेनिंग लेकर टोक्यो गए हैं भारतीय खिलाड़ी। जहां तक तैयारियों की बात है तो गेम्स एक साल की देरी से हुए हैं। खिलाड़ियों को तैयारी के लिए एक साल अतिरिक्त मिला है, जिससे उनको तैयारी का और अच्छा मौका मिला। 119 अलग-अलग खेलों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। जहां तक मेरी जानकारी है, किसी भी ओलंपिक में हिंदुस्तान का अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा गया है इसमें 67 पुरुष और 52 महिला खिलाड़ी हैं। कुल 228 सदस्य जिनमें अधिकारी, कोच, सहयोगी स्टाफ और वैकल्पिक खिलाड़ी भी हैं। भारत कुल 85 मेडल इवेंट्स में हिस्सा लेगा, इसलिए खिलाड़ियों से 135 करोड़ हिंदुस्तानियों की उम्मीदें हैं, अच्छा करें, देश को गौरवांतित करके वापस आएं।


प्रश्न- हॉकी टीम को कैसे देखते हैं आप?


उत्तर- हॉकी खिलाड़ियों ने पहली जीत के साथ ही अपने इरादे साफ कर दिए हैं। पहले मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसमें हरमनप्रीत सिंह और श्रीजेश का खास योगदान रहा। विरोधी टीम भी मजबूत थी, बावजूद इसके टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। पहले क्वार्टर में रूपिंदर पाल सिंह ने बेहतरीन गोल किया था। उसके बाद टीम ने ताबड़तोड़ हॉकी खेली। दूसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह द्वारा किए गए शानदार गोल की बदौलत भारत को 2-1 की बढ़त मिली। अगले मैचों में भी ऐसा ही प्रदर्शन करे टीम, यही उम्मीद करते हैं हम सभी। सब ठीक रहा तो इस आयोजन में हॉकी खिलाड़ी जीत का हाहाकार मचाएंगे। बेहतरीन खिलाड़ियों से सजी है इस बार हॉकी टीम। सभी को मेरी शुभकामनाएं।

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प्रश्न- हॉकी के सिवाए ऐसा कौन-सा खेल है जिसमें आपको पदक की ज्यादा उम्मीदें हैं?


उत्तर- वैसे तो सभी हैं। कोई ऐसा खेल नहीं जिसमें पदक की उम्मीद न हो। हॉकी में पदक मिलेगा, पहलवानी में हमारा बोलबाला है। वेटलिफ्टिंग में पहला रजत पदक देश को मीराबाई चानू दिला चुकी हैं। अब दूसरे खिलाड़ियों की बारी है। ओलम्पिक में भारतीय एथलीटों ने हॉकी के बाद कुश्ती में ही सबसे ज्यादा पदक जीते हैं। इसलिए भारत में खासकर कुश्ती के मुकाबलों का बेसब्री से इंतजार है। पूरे खेल संसार को पता है कि हमारी कुश्ती इस समय स्वर्णिम दौर में है और कुश्ती में पिछले तीन ओलम्पिक से भारत लगातार पदक जीत रहा है।


प्रश्न- पहलवानी करने इस बार 7 पहलवान गए हैं?


उत्तर- जी हां, ऐसा पहली मर्तबा हुआ है। भारत सरकार ने खिलाड़ियों को सुख-सुविधाएं देने में इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी है। यही कारण है, हमारे 7 पहलवानों ने इस बार ओलम्पिक के लिए क्वालिफाई किया है। पहलवान इस बार जिस फॉर्म में दिख रहे हैं, उसे देखते हुए उम्मीद कर सकते हैं कि रियो ओलंपिक के मुकाबले टोक्यो में शानदार प्रदर्शन करेंगे। छह पहलवान पहली बार किसी बड़े ओलम्पिक में हिस्सा ले रहे हैं। विनेश फोगाट अनुभवी हैं, उनसे तो पदक की उम्मीद है ही। मैं तो चाहता हूं, खेल के सभी विधाओं में पदकों की बरसात हो, जिससे पूरे संसार में भारत का मान बढ़े।

 

प्रश्न- कोरोना के चलते जापान में आयोजन को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, आप इस विरोध को कैसे देखते हैं?


उत्तर- ओलंपिक का आयोजन कराना किसी देश के हाथ में नहीं होता। सर्वसम्मति से होता है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी फैसला लेती है, जिसमें सभी सदस्य देशों की अनुमति होती है। खेल साल भर पहले होने थे, कोरोना के कारण नहीं हुए, अब उनको लगा खेल होना चाहिए, तो कराए जा रहे हैं। विरोध और कहीं नहीं, सिर्फ जापान में हो रहा है। खिलाड़ियों से संक्रमण न फैले, इसके लिए खेल कमिटी और जापान सरकार पूरी तहर अलर्ट है। हर तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं। कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन को अपनाने की लगातार अपील की जा रही है। खिलाड़ी और स्टॉफ के लोग मॉस्क और दूरी को अपना रहे हैं।


प्रश्न- ओलंपिक गेम्स शुरू होने से पहले कई खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए थे?


उत्तर- देखिए, कोरोना अभी खत्म नहीं, हल्का-सा थमा है। बचाव करते हुए हमें जिंदगी फिर से शुरू करनी है और करनी भी चाहिए। गेम भी जीवन का हिस्सा हैं। जैसे एक किसान बिना खेती-बाडी के नहीं रह सकता। वैसे ही खिलाड़ी बिना खेल के नहीं रह सकते है। पर, जापान में खेल कमिटी और सरकार संक्रमण को ना फैलने देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी के अध्यक्ष थॉमस बैच ने खुद कहा भी है कि ओलंपिक गेम सुपर स्प्रेडर इवेंट साबित नहीं होंगे।


-जैसा हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी रहे अशोक कुमार ने डॉ. रमेश ठाकुर से कहा।

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