साक्षात्कारः अनुप्रिया पटेल ने कहा- गठबंधन धर्म का पालन किया जाना चाहिए

anupriya patel

''मुझे लगता है गठबंधन में चाहें सरकारें हो या सियासी दल। सभी दलों को गठबंधन का धर्म निभाना चाहिए। सभी को विश्वास और ईमानदारी वाली राजनीति का परिचय देना चाहिए। गठबंधन जरूरतों और जनता की भलाई पर निर्भर हो, मजबूरी का सौदा नहीं होना चाहिए।''

छोटे दलों से मुंह फेरने का खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को बीते पंचायत चुनाव में उठाना पड़ा था। अपना दल से बात नहीं बनी, तो भाजपा ने उनके प्रभाव क्षेत्र में अकेले चुनाव लड़ा जिसमें बुरी तरह हार हुई। मौके की नजाकत को भांपते हुए और आगामी 2022 में प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल को एक बार फिर से मंत्री बनाया है। विभिन्न मसलों पर डॉ. रमेश ठाकुर ने वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-

इसे भी पढ़ें: साक्षात्कारः अभिनेत्री रिचा कालरा ने कहा- सामाजिक मुद्दों पर और फिल्में बननी चाहिए

प्रश्न- अभी कुछ महीने पहले आपकी पार्टी और भाजपा के दरम्यान कुछ तल्खियां के बढ़ने की खबरें आईं थीं?

  

उत्तर- निकाय चुनावों की शायद आप बात कर रहे हैं। देखिए, तब कुछ सीटों पर हमारे बीच में बात नहीं बन पाई थी। जिन सीटों पर हमारी पार्टी के नेता अपने उम्मीदवार चाहते थे, वहां भाजपा अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी। तभी सीटों को लेकर बातचीत नहीं बन पाई थी। लेकिन तल्खियां बढ़ने वाली कोई बात नहीं थी। 2017 से हम एनडीए का हिस्सा हैं, दो चुनाव साथ लड़े हैं, आगे भी बरकरार रहेगा।

  

प्रश्न- आपकी पार्टी ने जब पंचायत चुनाव अलग लड़ा, तब लगा भविष्य में आप एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगी?

उत्तर- जी हां, यूपी का पंचायत चुनाव हमारी पार्टी ने गठबंधन से अलग लड़ा था जिसमें हमें अप्रत्याशित सफलता मिली। पार्टी ने 14 सीटों पर विजय हासिल की, इससे दूसरे पार्टियों को हमारी ताकत का अंदाजा भी लग लगा। वैसे, पंचायत चुनाव, विधानसभा और लोकसभा चुनाव तीनों एक दूसरे से अलग हैं। पंचायत चुनाव में पार्टियों का समर्थन होता है, सिंबल नहीं दिया जाता। लेकिन चुनाव से हमें आगामी बड़े चुनावों की हवा का रूख पता चल जाता है। फिलहाल एनडीए का हिस्सा हैं हम। दोबारा से मुझे मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

प्रश्न- भाजपा का दोबारा से आपकी पार्टी पर डोरे डालना और आपको मंत्री बनाने को ‘जरूरत समझें या मजबूरी’?

उत्तर- मुझे लगता है गठबंधन में चाहें सरकारें हो या सियासी दल। सभी दलों को गठबंधन का धर्म निभाना चाहिए। सभी को विश्वास और ईमानदारी वाली राजनीति का परिचय देना चाहिए। गठबंधन जरूरतों और जनता की भलाई पर निर्भर हो, मजबूरी का सौदा नहीं होना चाहिए। मजबूरी की राजनीति को देखकर जनता दुखी होती है। राजनेताओं का वजूद जनता से है, इसलिए उनकी आकांक्षाओं का भी ख्याल रखना चाहिए। जहां तक मेरा मंत्री बनने का सवाल है। तो ये फैसला मेरा व्यक्तिगत है। मैंने जनता की सेवा के लिए मंत्री बनना स्वीकारा, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहूंगी कि उन्होंने दोबारा से मुझे जनता की सेवा करने का मौका दिया।

इसे भी पढ़ें: साक्षात्कारः राकेश टिकैत ने कहा- सरकार को सबक सिखाकर रहेंगे किसान

प्रश्न- बीते लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने छोटे दलों से किनारा कर लिया था, लेकिन चुनाव नजदीक आते ही फिर से सभी को मनाना शुरू कर दिया?

उत्तर- कोई भी दल अकेला चुनाव नहीं लड़ सकता। देश जातियों और समुदायों में बंटा हुआ है। विचारधारा व क्षेत्र के विकास और वोटबैंक को एकजुट रखने के लिए सभी दलों को एक दूसरे से जुड़ना ही पड़ता है। छोटे दल सबसे पहले अपने प्रभाव क्षेत्र वाले इलाकों का विकास चाहते हैं, जिसके लिए वह बड़े दलों के सहयोगी बनते हैं। अपना दल ने किसी विचारधारा से समझौता नहीं किया है। पार्टी विकास चाहती है, गरीबों का भला चाहती है, जनता की सुख-सुविधाओं के लिए हमने सदैव संघर्ष किया है। पार्टी मेरे पिता के बताए रास्तों पर अग्रसर है। उनके बताए दिशा-निर्देशों को पालन करती है।

प्रश्न- यूपी के ब्लॉक प्रमुख चुनाव में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरों पर किसी महिला नेत्री या मंत्री ने कोई टिप्पणी नहीं की?

उत्तर- मैं व्यक्तिगत रूप से लखीमपुर की घटना से आहत हूं और कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। महिलाओं की इज्जत हर हाल में करनी चाहिए। मुझे लगता है घटना में लिप्त लोगों पर पुलिस-प्रशासन कड़ाई से कार्रवाई करेगा। कार्रवाई होनी भी चाहिए, वरना ऐसी घटनाएं रूकने की जगह और बढ़ जाएंगी। योगी सरकार ऐसे किसी आरोपी को छोड़ने वाली है। उन्हीं की बदौलत है आज समूचा प्रदेश गुंडा मुक्त हो चुका है। अब कोई भी अपराधी खुलेआम क्राइम करने की हिम्मत नहीं करता।

प्रश्न- एनडीए से कई दल छिटक गए, आपका गठबंधन 2024 तक रहेगा क्या?

उत्तर- देखिए, मैं किसी दूसरे दल की बात नहीं करूंगी। हमारी पार्टी प्रधानमंत्री की कार्यशैली से प्रभावित है, वह नित लोगों का भला कर रहे हैं। उनके निर्णयों से देश की सूरत बदली है। अपने अदम्य साहस से उन्होंने जो कर दिखाया है, शायद ही दूसरा कोई प्रधानमंत्री कभी कर पाता। जम्मू-कश्मीर में आज नई सुबह उगी है, राम मंदिर का मसला बेशक कोर्ट से सुलझा हो, लेकिन ईमानदारी से पहल उन्होंने ही दिखाई और भी कई ऐसे मसले हैं जिनको उन्होंने सुलझाया।

प्रश्न- जनसंख्या कानून को लेकर यूपी सरकार ने मसौदा तैयार किया है, आप सहमत हैं उनके इस निर्णय से?

उत्तर- उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 150 मुल्कों से भी ज्यादा हो गई है। नियंत्रण बहुत जरूरी है। अगर समय से इस मसले को नहीं सुलझाया गया, तो आने वाला वक्त बहुत ही भयावह होगा। गज भर जमीन के लिए लोग मारकाट करेंगे। संसाधनों की कमी से वैसे ही प्रदेश जूझ रहा है। जनसंख्या घनत्व के बढ़ने से ही नौकरियों और जरूरी चीजों का टोटा होता जा रहा है। मैं इस बिल से पूर्णतः सहमत हूं। बिना देर किए कानून अमल में आना चाहिए।

-जैसे केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने डॉ. रमेश ठाकुर से कहा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़