Indira Gandhi Birth Anniversary: देश की सियासत पर छा गई इंदिरा गांधी, ऐसे शुरू हुआ था 'आयरन लेडी' का सफर

By अनन्या मिश्रा | Nov 19, 2025

आज ही के दिन यानी की 19 नवंबर को भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। इंदिरा गांधी भारत की राजनीति का एक ऐसा नाम हैं, जिनका व्यक्तित्व हमेशा चर्चा में बना रहा। पार्टी के अलावा विपक्ष के लोग भी इंदिरा गांधी का नाम सम्मान से लेते रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनके कारण इंदिरा गांधी को 'आयरन लेडी' कहा गया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और परिवार

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम जवाहर लाल नेहरू था, जोकि आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वहीं मां का नाम कमला नेहरू था। उनके दादा मोतीलाल नेहरू ने उनका नाम इंदिरा रखा था। लेकिन पिता जवाहर लाल नेहरू ने इंदिरा के सलोने रूप की वजह से उनके नाम में प्रियदर्शनी भी जोड़ दिया था।

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वानर सेना बनाई

उस दौरान कमला नेहरू की तबीयत खराब रहती थी। उनके जब थोड़ी तबीयत सुधरी तब इंदिरा 11 साल की थीं। वह अपने पिता और दादाजी की तरह देश की सेवा करना चाहती थीं। लेकिन अबोध बालिका समझकर किसी ने उनका हौसला नहीं बढ़ाया। लेकिन वह हतोत्साहित नहीं हुई। उन्होंने आसपास के बच्चों को बुलाकर एक भाषण दिया। इंदिरा ने तय किया कि वह बच्चों की सहायता से एक संगठन तैयार करेंगी। जिसका नाम 'वानर सेना' रखा गया।


धीरे-धीरे करीब 6,000 बच्चों ने इसकी सदस्या ग्रहण की थी। फिर यह वानर कांग्रेस के लिए काम करने लगीं। बच्चे कांग्रेस के पर्चे बांटते और घायल लोगों की सेवा करते थे। यह अंग्रेजों का दौर था, यह सब देखकर जवाहर लाल नेहरू को लगा कि देश के हिसाब से इंदिरा गांधी स्वयं को तैयार कर रही हैं। जहां एक ओर इंदिरा का बचपन बीत रहा था, उधर राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही थी।


पीएम कार्यकाल

सियासत में माहिर इंदिरा गांधी के कुछ फैसले विवादित रहे। वहीं प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी की सिफारिश पर देश में आपातकाल लगाया गया। जिस कारण उनको अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा। वहीं एक अन्य फैसला साल 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई इंदिरा गांधी की मौत का कारण बना।


मृत्यु

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई के बाद इंदिरा गांधी के अपने सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्तूबर 1984 को उनकी गोली मारकर हत्याकर दी थी।

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