अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी, फिर भी सरकार ने क्यों बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी? आया मंत्री का बयान

By अंकित सिंह | Apr 07, 2025

भारत सरकार ने सोमवार, 7 अप्रैल को डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। ये बदलाव मंगलवार से लागू होंगे। आदेश में कहा गया है कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सूचित किया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

 

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यानि कि इस आदेश का असर आम आदमी पर नहीं पड़ेगा। हालांकि, सवाल ये है कि अंतरराष्ट्रीय कीमत कम होने के बाद भी सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी क्यों की? केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका जवाब दिया है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आपने वित्त मंत्रालय की अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं रिकॉर्ड पर पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। 

 

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उन्होंने आगे कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। मंत्री ने कहा कि अगर आप जनवरी में वापस जाएं, तो कच्चे तेल की कीमत तब 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि वैश्विक कीमतों के हिसाब से तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की जाएगी। एक विनियमन मुक्त क्षेत्र में, आप उनसे बाजार खुदरा मूल्य को तदनुसार समायोजित करने की उम्मीद कर सकते हैं।

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