By अंकित सिंह | Oct 03, 2023
गुलाम नबी आजाद को लेकर जम्मू-कश्मीर में अफवाहों का दौर जारी है। दावा किया जा रहा है कि उन्हें जल्द ही जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया जाएगा। इसको लेकर गुलाम नबी आजाद ने स्पष्टीकरण जारी किया है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख ने जोर देकर कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह यहां रोजगार करने नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे उन अफवाह फैलाने वालों पर भरोसा न करें जो अति उत्साह में काम कर रहे हैं…। इधर ताजा अफवाह है कि गुलाम नबी आजाद अगले एलजी बनने जा रहे हैं। मैं (जेके में) नौकरी की तलाश में नहीं आया हूं, मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के एक साल पूरे होने का जश्न मना रहे थे- जिसका गठन पिछले साल कांग्रेस से अलग होने के बाद हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह 'पुनर्वास' की तलाश में नहीं हैं और पूर्ववर्ती राज्य के सामने आने वाले कई मुद्दों का हवाला दिया। भाजपा के आदेश पर जेके की राजनीति में लौटे हैं, कुछ हलकों द्वारा की जा रही इस आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं 2005 में (मुख्यमंत्री के रूप में) यहां आया था, तो मैंने लोगों की सेवा करने के लिए दो बेशकीमती (केंद्रीय) मंत्रालय - आवास और शहरी विकास और संसदीय कार्य - छोड़ दिए थे। ऐसा नहीं था कि मेरे पास कोई काम नहीं था।
आज़ाद ने कहा कि बेरोज़गारी और मुद्रास्फीति जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं जिनका समाधान वह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का दोहन करके करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ रही है। यह सच है कि मुद्रास्फीति केवल भारत के लिए नहीं है। यूरोप में मुद्रास्फीति सबसे अधिक है लेकिन उनके पास इससे निपटने के अन्य साधन भी हैं। हम एक गरीब राज्य हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है। कोई नौकरियाँ नहीं हैं। सरकार पद तो विज्ञापित कर रही है लेकिन साक्षात्कार नहीं हो रहे। शिक्षित युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं है और उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा पर अपनी बचत ख़त्म कर दी।