By एकता | Nov 06, 2025
लंबे काम के घंटों, डिजिटल ध्यान भटकाने वाली चीजों और शहरी शेड्यूल की वजह से, कपल्स अपने रिश्तों में तालमेल बनाए रखने के लिए नए तरीके ढूंढ रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका, जिसे स्लीप डिवोर्स कहा जाता है, शहरों में तेजी से पॉपुलर हो रहा है। यह पार्टनर्स को बिना अलग हुए आराम और व्यक्तिगत मानसिक शांति दोनों को सुरक्षित रखने का एक तरीका देता है।
स्लीप डिवोर्स का मतलब है कि कपल्स अलग-अलग बेड या अलग कमरों में सोना चुनते हैं, जो उनके आराम और जरूरतों के हिसाब से हो। यह तरीका न केवल खर्राटों या शिफ्ट में काम करने जैसी नींद की आम दिक्कतों से निपटता है, बल्कि इसके गहरे मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
पर्याप्त, बिना रुकावट की नींद चिड़चिड़ापन और तनाव कम करती है, जिससे जागने के घंटों में पार्टनर के बीच अनावश्यक झगड़े कम होते हैं। इससे भावनात्मक विनियमन को बेहतर बनाती है। अच्छी नींद वाला व्यक्ति अपने इमोशन को बेहतर ढंग से संभाल पाता है। इसके अलावा ये संज्ञानात्मक कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाती है, जिससे व्यक्ति अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में बेहतर प्रदर्शन करता है।
दिल्ली में रहने वाली क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. राधिका शर्मा ने कहा, 'आजकल की शहरी लाइफस्टाइल ने बिना रुके नींद को एक दुर्लभ लग्जरी बना दिया है। स्लीप डिवोर्स एक प्रैक्टिकल मेंटल हाइजीन टूल है जिससे यह पक्का होता है कि दोनों पार्टनर्स को पूरा आराम मिले, जो इमोशनल स्टेबिलिटी और प्रोफेशनल परफॉर्मेंस के लिए बहुत जरूरी है।'
भारत में, जहां पारंपरिक रूप से वैवाहिक बेड को करीबी और सामंजस्य का प्रतीक माना जाता है, यह ट्रेंड एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक बदलाव का संकेत देता है। हाल ही में किए गए एक ग्लोबल स्लीप सर्वे (ResMed, 2025) में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसके अनुसार, 78% भारतीय कपल्स अच्छी नींद के लिए अलग सोना चुनते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
यह आंकड़ा दिखाता है कि शहरी कपल्स पारंपरिक अपेक्षाओं के बजाय अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आराम को बेहतर बनाकर, कपल्स रोजाना के तनाव को बेहतर ढंग से संभाल पाते हैं, जिससे रिश्ते में 'रिजर्व ऑफ कंपैशन' बना रहता है।
हालांकि, रिलेशनशिप काउंसलर इस बात की चेतावनी देते हैं कि अलग सोने से करीबी और फिजिकल बॉन्डिंग के मौके कम हो सकते हैं। मुंबई में मैरिज काउंसलर डॉ. अनिल मेहता ने चेतावनी दी, 'एक ही बेडरूम शेयर करने से अनजाने में ही इंटिमेसी और फिजिकल कंफर्ट मिलती है। रात में अलग होने से अनजाने में ये कनेक्शन कमजोर हो सकते हैं।'
लेकिन स्लीप डिवोर्स के समर्थक इस बात पर जोर देते हैं कि यह रिश्ते को कमज़ोर करने के बजाय उसे 'इरादतन'बनाता है। उनका तर्क है कि कपल अब जागने के दौरान जानबूझकर एक-दूसरे से जुड़ने की योजना बनाते हैं। कई कपल्स रिपोर्ट करते हैं कि अच्छी नींद के कारण वे कम चिड़चिड़े होते हैं और उनके यौन संबंध बेहतर हुए हैं।
यह कोई स्थायी अलगाव नहीं है। कपल्स परिस्थितियों के हिसाब से साझा और अलग सोने की जगहों के बीच बदलते रहते हैं, इसे जरूरत के हिसाब से एक उपकरण मानते हैं।
जैसे-जैसे पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं, स्लीप डिवोर्स मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और रिश्ते को अधिक इरादतन बनाने की दिशा में शहरी कपल्स के लिए एक व्यावहारिक और परिपक्व समझौता बन सकता है।