By अभिनय आकाश | Sep 17, 2025
भारत और पीएम मोदी के खिलाफ कई नैरेटिव वॉर चलाने वाला चीन अब इजरायल के पीछे पड़ गया है। पीएम मोदी के खिलाफ तो एजेंडा हमेशा फेल रहा। ऐसे में अब आजकल चीन पीएम मोदी के पक्के दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू को सत्ता से हटाने की पूरी कोशिश में लग गया है।जिस तरह से चीन भारत के पड़ोसी देशों को भड़काकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता रहा है। ठीक वैसा ही षड़यंत्र चीन ने इजरायल के खिलाफ शुरू कर दिया है। चीन इजरायल के पड़ोसी देशों में घुस रहा है। चीन के इस षड़यंत्र में इजरायल को कतर और ईरान जैसे देशों का साथ मिल रहा है। लेकिन आपको बता दें कि जिस तरह से पीएम मोदी ने एजेंडा चलाने वाले इको सिस्टम को बर्बाद किया। ठीक उसी तरह अब नेतन्याहू भी अब खुलेआम चीन को धमकी दे रहे हैं।
नेतन्याहू ने शायद पहली बार चीन को धमकी दी है। नेतन्याहू ने कहा कि मैं मुक्त बाज़ार का समर्थक हूँ, लेकिन हम खुद को ऐसी स्थिति में पा सकते हैं जहाँ हमारे हथियार उद्योग अवरुद्ध हो जाएँ। हमें यहाँ हथियार उद्योग विकसित करने होंगे - न केवल अनुसंधान और विकास, बल्कि अपनी ज़रूरत की चीज़ें बनाने की क्षमता भी। इजरायली प्रधानमंत्री ने यूरोप में मुस्लिम प्रवासियों के प्रवास को सरकारों को इजरायल विरोधी दिशा में झुकाने और उनके देश के साथ रक्षा सौदों को रद्द करने के लिए प्रेरित करने का दोषी ठहराया।
यरुशलम स्थित विदेश मंत्रालय में 250 अमेरिकी राज्य विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए, नेतन्याहू ने अपने दावों को दोहराया और चीन और कतर पर 'पश्चिमी मीडिया में इज़राइल को घेरने के लिए उसके सहयोगियों का समर्थन कम करके अभियान चलाने' का आरोप लगाया। उन्होंने कहा एक चीन है। और दूसरा कतर है। वे पश्चिमी दुनिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के सोशल मीडिया के ज़रिए इज़राइल पर हमले की योजना बना रहे हैं। हमें इसका मुकाबला करना होगा, और हम अपने तरीकों से इसका मुकाबला करेंगे।
आप कई बार देख चुके हैं कि पीएम मोदी के खिलाफ क्या क्या हथकंडे अपनाए गए। किसान आंदोलन को भड़काया गया। सीएए के खिलाफ एजेंडा चलाया गया। मणिपुर पर झूठ फैलाया गया और अब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इनफॉर्मेशन वॉर शुरू कर दी गई। भारत और पीएम मोदी के खिलाफ इस डिसइनफॉर्मेशन कैंपेन को चलाने के लिए मीडिया औऱ सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल हुआ। लेकिन पीएम मोदी हमेशा जीते और अब बारी नेतन्याहू की है। आपने गौर किया होगा कि आजकल मीडिया और सोशल मीडिया पर इजरायल के खिलाफ नफरत बढ़ती दिख रही है। कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में इजरायल के खिलाफ नारेबाजियां हो रही हैं। इंट्राग्राम, फेसबुक, गूगल जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इजरायल के खिलाफ निगेटिव खबरें वायरल करवाई जा रही हैं।