By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 27, 2021
जम्मू-कश्मीर में एयरफोर्स बेस पर दो हमलों के बाद से दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों की नीदें उड़ गई। शनिवार और रविवार की आधी रात को यह हमला किया गया। इसके बाद से इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एनआईए को इस मामले की जांच सौंपी गई हैं।
वहीं खुफिया एजेंसियां इस हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद का भी हाथ होने की बात कह रही हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे आतंकी हमले करार दिया है। मामले में दो संदिग्धों को भी हिरासत में लिया जा चुका है और दोनों से पूछताछ की जा रही है।
डीजीपी दिलबाग ने दिया आतंकी हमला करार
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पुलिस, वायुसेना और अन्य एजेंसियां हमले की जांच कर रही हैं। इस हमले के बाद पठानकोट, अंबाला, अवंतीपुर समेत कुछ अन्य एयरबेस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आतंकी एंगल से भी एनएसजी और अन्य एजेंसियां जांच कर रही है।
आपको बता दें कि इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ कहे जाने के पीछे की वजह है। दरअसल इससे पहले इस संगठन ने हिजबुर मुजाहिदीन के साथ मिलकर पाकिस्तान में सीमा पार से विशेष रुप से जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर अपने हैंडलर्स के माध्यम से ड्रोन से गोला बारूद नियमित से प्राप्त किया था। जिसके बाद भारतीय सेना ने ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया था।
बड़ी साजिश को अंजाम देना हो सकता है मकसद
वहीं खुफिया एजेंसिया यह भी मान रही है कि इस हमले के पीछे किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने का मकसद हो सकता है। डीजीपी गुलाब सिंह के मुताबिक जम्मू हवाई क्षेत्र में दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन का इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका है। जम्मू पुलिस ने 5-6 किलो का एक और अन्य आईईडी भी बरामद किया है।
आईईडी लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव से मिला था जिसे किसी भीड़ भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था। मामले में इंडियन एयरफोर्स चीफ, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।