By अंकित सिंह | Dec 26, 2022
उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक स्थानीय कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद पर ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण की रिपोर्ट 20 जनवरी को तलब की है। इसको लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। शाही ईदगाह के सर्वेक्षण करने के मथुरा कोर्ट के आदेश पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से यह आदेश गलत है। इसके साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि सिविल कोर्ट ने 1991 के एक्ट का उल्लंघन किया है। उन्होंने सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जो कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं आदेश से असहमत हूं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे यकीन है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट इस गलत आदेश के खिलाफ अपील करेगा और उच्च न्यायालय इस पर गौर करेंगे। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद, मैंने कहा था कि यह संघ परिवार शरारतों को बढ़ावा देगा। अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के अंदर सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है। यह इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यह तब भी है जब मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है। कृपया "देने और लेने" का प्रचार न करें जब एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता हो।
खबर यह भी है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान—शाही मस्जिद ईदगाह मामले में ईदगाह के अमीन सर्वेक्षण के स्थानीय अदालत के आदेश पर मुस्लिम पक्ष आगामी 20 जनवरी को अपनी आपत्ति दाखिल करेगा। शाही मस्जिद ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद ने रविवार को कहा हम सर्वे सम्बन्धी आदेश पर 20 जनवरी को आपत्ति दाखिल करेंगे। गौरतलब है कि मथुरा की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद को लेकर हिन्दू सेना के दावे पर ईदगाह के अमीन सर्वेक्षण की रिपोर्ट 20 जनवरी को तलब की है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 जनवरी तय की है। अमीन को उससे पूर्व संबंधित रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।