By अंकित सिंह | Dec 19, 2025
झारखंड के कप्तान ईशान किशन ने अपनी टीम की भविष्य की सफलता पर भरोसा जताते हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (एसएमएटी) 2025 का पहला खिताब जीतने में टीम की दबदबे वाली मानसिकता का जिक्र किया। उन्होंने आगामी टी20 विश्व कप के लिए टीम चयन को दरकिनार करते हुए प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही और भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा को स्वीकार किया।
ईशान ने गुरुवार को पुणे के एमसीए स्टेडियम में हरियाणा के खिलाफ एसएमएटी के फाइनल में शतक जड़ा। इस शतक के साथ, किशन एसएमएटी फाइनल में शतक बनाने वाले पंजाब के अमोलप्रीत सिंह (एसएमएटी 2023-24 में मोहाली में बड़ौदा के खिलाफ 113 रन) के बाद दूसरे बल्लेबाज बन गए और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान हैं। उन्होंने एसएमएटी फाइनल की एक पारी में बल्लेबाज द्वारा सबसे अधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया।
ईशान, जो आखिरी बार नवंबर 2023 में अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे, ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को करारा संदेश देते हुए 45 गेंदों में शतक बनाकर 101 रन बनाए। ईशान के विस्फोटक शतक की बदौलत झारखंड ने हरियाणा को 69 रनों से हराकर अपना पहला एसएमएटी खिताब जीता। झारखंड ने टी20 टूर्नामेंट के फाइनल में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर 262/3 बनाया, जिसके बाद उनके गेंदबाजों ने हरियाणा के लक्ष्य को ध्वस्त कर दिया।
ईशान किशन ने पत्रकारों से कहा कि हम भविष्य में और भी ट्रॉफियां जीतेंगे। इस साल हमारी सोच बदल गई - हर खिलाड़ी दबदबा बनाना और जीतना चाहता था। विश्व कप टीम के चयन की बात करें तो, मेरा ध्यान प्रदर्शन पर है; यही मेरा काम है। मैं इसकी चिंता नहीं करता। हर खिलाड़ी भारतीय टीम में जगह बनाने की उम्मीद रखता है, लेकिन मुकाबला कड़ा है और हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव ने झारखंड की ऐतिहासिक एसएमएटी जीत का जश्न मनाते हुए टीम की एकता और कड़ी मेहनत को श्रेय दिया। उन्होंने हर खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ के प्रयासों की सराहना की और पूरे टूर्नामेंट में टीम को एकजुट रखने और टीम का मनोबल बढ़ाने में ईशान की नेतृत्वकारी भूमिका पर प्रकाश डाला।
अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती है। हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, हमारे कोचिंग स्टाफ ने पूरी मेहनत की और ईशान किशन ने टीम को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई। टूर्नामेंट की शुरुआत से ही उन्होंने टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की।