By अंकित सिंह | May 14, 2025
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने घोषणा की है कि उसने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन को रद्द कर दिया है। एक्स पर एक पोस्ट में, जेएनयू ने कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से लिया गया है। विश्वविद्यालय के एक्स पोस्ट में आगे कहा कि जेएनयू राष्ट्र के साथ खड़ा है। राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है।
भारत के तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है। पाकिस्तान को उनके समर्थन के बाद, पूरे देश में तुर्किये के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है। इसके अलावा, ईज़माईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन यात्रा मंच ने इन देशों की यात्रा के खिलाफ परामर्श जारी किया है। वास्तव में, भारतीय कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया गया। भारत और पाकिस्तान ने पिछले शनिवार की शाम पांच बजे से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के सहमति बनने की घोषणा की थी। संघर्ष के दौरान, पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के अपने असफल प्रयास में तुर्किये के ड्रोन का इस्तेमाल किया था। तुर्किये और अजरबैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की है।