By अभिनय आकाश | Oct 13, 2022
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ राहत कार्य के लिए एकत्र किए गए धन में कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में अभियोजन शिकायत दर्ज कर ली है। ईडी का मामला पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि अय्यूब ने राहत कार्य के नाम पर ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो के माध्यम से भारी धन एकत्र किया, लेकिन धन को डायवर्ट कर दिया। फरवरी में एजेंसी ने मामले के संबंध में अय्यूब से संबंधित 1.77 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि संलग्न की थी। ईडी द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर उन्हें मार्च में विदेश जाने से भी रोका गया था।
ईडी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई जांच से यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है कि धन पूरी तरह से पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर जुटाया गया था और लेकिन जिसके लिए धन जुटाया गया उसके लिए इसका उपयोग नहीं किया गया। ईडी के अनुसार उसकी जांच में खुलासा हुआ कि अय्यूब ने राहत कार्य के लिए धन का उपयोग करने के बजाय एक अलग चालू बैंक खाता खोलकर इसमें से कुछ को डायवर्ट किया। राणा अय्यूब ने रुपये का सावधि जमा भी बनाया। जुटाई गई धनराशि से 50 लाख राहत कार्यों के लिए इनका उपयोग नहीं किया।
ईडी ने जो पैसा अटैच किया है वह तीन अलग-अलग बैंक खातों में बैंक जमा के रूप में है। अयूब के खिलाफ यूपी पुलिस की प्राथमिकी पिछले साल सितंबर में गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में विकास सांकृत्यायन की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम की धाराओं के अलावा, पुलिस ने काला धन अधिनियम की धारा 4 को भी लागू किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने दान के नाम पर आम जनता से अवैध रूप से धन अर्जित किया था।