By अनुराग गुप्ता | Jan 11, 2021
गुवाहाटी। असम के सिलचर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आज मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि आज इस विजय संकल्प रैली में मुझे आने का मौका मिला है। मैं आयोजकों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने विजय संकल्प रैली की शुरुआत बराक वैली से की है, जहां भाजपा की नींव है। उन्होंने कहा कि 1991 में जब भाजपा का काम धीरे-धीरे बढ़ रहा था और उस वक्त किसी ने आशीर्वाद दिया तो वह बराक वैली ही थी। जहां से हमारे 9 विधायक और 2 सांसद बने।
इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष ने असम सरकार की जमकर तारीफ की और पार्टी की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि 2016 में यहां सरकार बनी और फिर चाहे लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा उपचुनाव हो, जिला परिषद चुनाव हो, टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो, बोडो टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो, टीवा टेरिटोरियल कॉउन्सिल का चुनाव हो या पंचायत चुनाव हर जगह आपने भाजपा को समर्थन दिया है।
जेपी नड्डा ने कहा कि असम की संस्कृति, असम का नेतृत्व, असम के अस्तित्व को किसी ने पहचाना और उसको देश में स्थान देने का काम NDA की सरकार ने किया है। उन्होंने आगे कहा कि बोडो आंदोलन पिछले 50 साल से चल रहा है। मुझे खुशी है कि बोडो अकॉर्ड की दृष्टि से सारे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट बोडोलैंड के लोगों ने अपने हथियार रख दिए और असम की टेरिटोरियल इंटीग्रिटी को बचाकर बोडो अकॉर्ड करके मुख्य धारा में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि असम की भाषा को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है और हमने ये किया भी है। भूपेन हजारिका जी को भारत रत्न नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने दिया। गोपीनाथ बोरदोलोई जी को भारत रत्न से सम्मानित अटल जी की सरकार ने किया था। जेपी नड्डा ने आगे बताया कि यूपीए राज में असम को विकास परियोजनाओं के लिए महज 50 हजार करोड़ रुपए मिले जबकि मोदी सरकार के तहत असम को 3 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।
इसी बीच जेपी नड्डा ने अलग-अलग राज्यों में हुए चुनावों का जिक्र किया जिसमें भाजपा के प्रदर्शनों पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि सारे देश में भाजपा ने कमल का निशान छोड़ा है।
उल्लेखनीय है कि पहली बार 2016 में राज्य में सत्ता में आयी भाजपा हालिया स्थानीय चुनाव में शानदार प्रदर्शन को आगे भी जारी रखने को लेकर आश्वस्त है। वहीं, मुख्य विपक्षी कांग्रेस तीन बार के मुख्यमंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता तरूण गोगोई की गैरमौजूदगी में चुनाव में उतरेगी। गोगोई का पिछले साल निधन हो गया था। विपक्षी दल को उम्मीद है कि विवादित नागरिकता (संशोधन) कानून समेत कई मुद्दों पर भाजपा रक्षात्मक रुख अपनाने के लिए मजबूर होगी।
यहां सुने पूरा संबोधन: