जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को मिली बड़ी कामयाबी को जस्टिन ट्रूडो पचा नहीं पाये

By योगेंद्र योगी | Sep 26, 2023

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार हो सकती है। केन्द्र सरकार निज्जर की हत्या के आरोपों को ख़ारिज करती रही है। निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की जांच के मद्देनजर कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग को समन भेजा और एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित करने का फ़ैसला किया है। दरअसल जी20 की बैठक के दौरान भारत को मिली वैश्विक स्तर पर सफलता को कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पचा नहीं पाए।


खालिस्तानी अतिवादियों को समर्थन देने के आरोप ट्रूडो सरकार पर पहले भी लगते रहे हैं। भारत की तरफ से कनाडा को बाकायदा दस्तावेज तक मुहैया कराए गए हैं। इसमें खालिस्तान समर्थक सहित खतरनाक अपराधी भी शामिल हैं। इसके बावजूद कनाडा सरकार आजादी की अभिव्यक्ति की आड़ में वोटों की क्षुद्र राजनीति से उबर नहीं सकी। प्रधानमंत्री ट्रूडो के संकीर्ण नजरिए में कोई बदलाव नहीं आया। नए घटनाक्रम से ट्रूडो अब पश्चिमी देशों से मदद की दुहाई मांग रहे हैं। जबकि अमेरीका और यूरोपीय यूनियन इस मसले पर बहुत सधी हुई प्रतिक्रिया दे रहे हैं। पश्चिमी जगत भी ट्रूडो सरकार की खालिस्तानियों के सरेआम समर्थन को बखूबी समझता है। अमेरिका सहित पश्चिमी मुल्क जब किसी तरह के आतंकवाद के समर्थन नहीं करने का दंभ भरते हैं, तब उसमें कनाडा का परोक्ष तौर पर खालिस्तान को समर्थन देना भी है।

इसे भी पढ़ें: Justin Trudeau ने ऐसा क्या कर दिया, भड़क उठा भारत का दोस्त रूस, दे दी सीधी चेतावनी

गौरतलब है कि ट्रूडो जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे। इस दौरे में ट्रूडो के साथ मुलाक़ात में पीएम मोदी ने कनाडा में सिख अलगाववादी गतिविधियों और भारतीय राजनयिकों पर होते हमलों का मुद्दा उठाया था। भारत इस मुद्दे को पहले भी कई बार उठा चुका है। ट्रूडो के मुल्क लौटने के कुछ दिनों बाद ही कनाडा ने एक तरफा मनमाना निर्णय लेते हुए भारत से द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी। भारत ने ट्रूडो सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार पर शामिल होने का आरोप लगाना हास्यास्पद और राजनीति से प्रेरित है। इसी तरह हमारे प्रधानमंत्री के सामने कनाडा के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाए थे और हमने उसे भी पूरी तरह से ख़ारिज किया था। हम क़ानून के राज को लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।   भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे बेबुनियाद आरोप खालिस्तानी आतंकवादी और अतिवादियों से ध्यान भटकाने के लिए हैं। ऐसे खालिस्तानी आतंकवादियों और अतिवादियों को कनाडा ने प्रश्रय दे रखा है, जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए ख़तरा हैं। कनाडा के नेता ऐसे तत्वों से खुलेआम सहानुभूति जता रहे हैं और ये हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।


कनाडा और भारत के संबंधों में आया बदलाव अमेरीकी बाइडन प्रशासन के लिए मुश्किल की घड़ी है। अगर अमेरिका कनाडा का साथ देता है तो उसकी भारत के साथ वफ़ादारी पर सवाल उठेंगे। अगर अमेरिका भारत का साथ देता है तो वो अपने नाटो सहयोगी कनाडा के खिलाफ़ जा रहा है। चीन का मुक़ाबला करने के लिए भारत का साथ देने की ख़ातिर अमेरिका किसी भी विवाद में पड़ने से बचेगा। आश्चर्य की बात यह है कि कनाडा एक तरफ निज्जर मामले को अपनी संप्रभुता पर हमला बता कर पश्चिमी देशों से सहानुभूति बटोरने का प्रयास कर रहा है, वहीं सरेआम आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित करके भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ कर रहा है। भारत के प्रति कनाडा की इस दोमुही नीति को विश्व के अन्य देश भी बखूबी समझते हैं।


गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थकों ने इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए पुतले की रैली निकाली थी। पूरे विश्व ने देखा था कि किस तरह कनाडा सरकार आतंक को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों से मुंह फेरे हुए है। इसका भारत ने कड़ा प्रतिवाद किया था, किन्तु इसमें कनाडा को भारत की संप्रभुता पर अनाधिकृत दखल नजर नहीं आया। यह निश्चित है कि इस मुद्दे को कनाडा यदि कूटनीति के जरिए नहीं सुलझाता तो आर्थिक नुकसान कनाडा का ही होगा। साल 2022 में भारत कनाडा का दसवां बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था। 2022-23 में भारत ने कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था। 2021-22 में यह आंकड़ा 3.76 अरब डॉलर का था। वहीं कनाडा ने भारत को 2022-23 में 4.05 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया। 2021-22 में ये आंकड़ा 3.13 अरब डॉलर का था। इन आंकड़ों से जाहिर है कि कनाडा का भारत के साथ आयात कम और निर्यात अधिक है। द्विपक्षीय संबंध बिगड़ने की सूरत में कनाड़ा को इसका आर्थिक खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।


-योगेन्द्र योगी

प्रमुख खबरें

CSK ने एक मौका गंवा दिया..., कैमरन ग्रीन को लेकर रविचंद्रन अश्विन ने ऐसा क्यों बोला

दुश्मन पर कड़ा आघात करने के लिए नई रणनीति, सेना ने विशेष सैन्य ट्रेन के जरिए कश्मीर घाटी में टैंक और तोपखाने शामिल किए!

Shri Mata Vaishno Devi Sangarsh Samiti ने Muslim Students के खिलाफ अपने प्रदर्शन को और तेज किया

G Ram G Bill पर बोले शिवराज सिंह चौहान, गांधी जी के सपने को पूरा करेगा विधेयक, 125 दिन रोजगार की गारंटी