प्यार की सच्ची भावनाओं को शब्द के जाल में बांधने वाले महान कवि थे कैफ़ी आज़मी

By रेनू तिवारी | Jan 14, 2020

भारत के प्रसिद्ध कवि, गीतकार और सामाजिक बदलाव के वकील कैफ़ी आज़मी की मंगलवार को 101वीं जयंती है। भारत के तमाम लोगों सहित गूगल (Google) ने भी डूडल बना कर कैफ़ी आज़मी को श्रद्धांजलि दी। गूगल अकसर समाज में बदलाव और अपने क्षेत्र में विशेष करने वालों को उनकी जयंती या पुण्यतिथि पर डूडल बना कर श्रद्धांजलि देता है। आज गूगल ने कैफ़ी आज़मी का डूडल बना कर उन्हें याद किया हैं और गूगल का प्रयोग करने वालों को भी याद करवाने के कोशिश की हैं। आइये जानते हैं कौन थे कैफ़ी आज़मी- 

कौन थे कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी का अलस नाम सैय्यद अतहर हुसैन रिज़वी था। सिनेमा जगत ने उन्हें कैफ़ी आज़मी का नाम दिया। भारत में कैफ़ी पहले भारतीय उर्दू कवि थे। कैफ़ी आज़मी ने बॉलीवुड में प्रेम की कविताओं से लेकर बॉलीवुड गीतों और पटकथाएं लिखने में माहिर 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे। उन्हें भारतीय गति चित्रों में उर्दू साहित्य लाने वाले के रूप में याद किया जाता है। पिरजादा कासिम, जौन एलिया और अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्होंने बीसवीं शताब्दी के सबसे यादगार मुशायरों में भाग लिया। कैफ़ी आज़मी भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री के प्राप्तकर्ता थे। इसके अलावा उन्हें उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार और उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। 1998 में, महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ज्ञानेश्वर पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें जीवन भर की उपलब्धि के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया था।

 

1919 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे सैयद अतहर हुसैन रिज़वी, कैफ़ी आज़मी ने अपनी पहली कविता 11 साल की उम्र में लिखी थी। वह महात्मा गांधी के 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरित थे और बाद में एक उर्दू अखबार के लिए लिखने के लिए मुंबई चले गए। एक साल बाद, उन्होंने झंकार नाम से अपनी कविताओं का पहला संग्रह प्रकाशित किया, और प्रभावशाली प्रगतिशील लेखक संघ के सदस्य भी बने, जिन्होंने सामाजिक-आर्थिक सुधारों को प्राप्त करने के लिए लेखन का उपयोग किया।

 

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