By अनन्या मिश्रा | May 19, 2025
कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट
अगर आप भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा में शामिल होने का प्लान बना रहे हैं। तो बता दें कि भारत सरकार द्वारा इस यात्रा के दो रूट्स तय किए गए हैं। ऐसे में इस यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री इस पवित्र और प्रसिद्ध यात्रा को पूरा कर सकते हैं।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और दूसरा सिक्किम के नाथुला दर्रे से होती है। इन दो रूट्स से आप भी इस यात्रा को पूरा कर सकते हैं।
लिपुलेख दर्रा
अगर आप उत्तराखंड से कैलाश मनसरोवर की यात्रा करना चाहते हैं। तो इस यात्रा की शुरूआत दिल्ली से होगी। दिल्ली में मेडिकल जांच कराने के बाद आपको अल्मोड़ा होते हुए धारचूला, बूढ़ी, गुंजी और लिपुलेख दर्रा जैसे पड़ाव को पार करते हुए दारचेन जाना होगा। फिर यहां से आप कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का दर्शन कर पाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लिपुलेख दर्रे से कैलाश मनसरोवर की यात्रा में करीब 24 से 25 दिन लगते हैं। वहीं इस यात्रा को शुरू करने से पहले दिल्ली में स्वास्थ्य की जांच की जाती है। वहीं करीब इसमें 4-5 दिन लगते हैं। यात्रा के हर पड़ाव पर 1-2 दिन स्टे करना होता है। इस मार्ग से सिर्फ 1000 यात्रियों को जाने की अनुमति मिलती है।
नाथुला दर्रा
लिपुलेख दर्रे के साथ ही आप सिक्किम के नाथुला दर्रे से कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं। इस रूट से यात्रा को पूरा करने में करीब 22 से 23 दिन का समय लगता है। इस रूट से यात्रा की शुरूआत दिल्ली से होती है।
आप दिल्ली में 4-5 दिनों तक मेडिकल चेकअप के बाद सिक्किम के गंगटोक जाना पड़ता है। गंगटोक से शेरथांग, लाजी और कंगमा होते हुए आपको दारचेन पहुंचना होगा। दारचेन में 1 रात स्टे करने के बाद अगले दिन कैलाश पर्वत और फिर मानसरोवर झील के दर्शन करें। फिर आपको वापस भी इसी रूट से दिल्ली आना होता है। हालांकि इस रूट से करीब 750 तीर्थ यात्रियों को जाने की परमिशन है।