By अंकित सिंह | Jul 29, 2025
डीएमके सांसद कनिमोझी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने हालिया आतंकी घटनाओं से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए और जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पिछली गलतियों से सबक न लेने के कारण लोगों में सरकार के प्रति विश्वास की कमी आई है। उन्होंने कहा कि विश्वगुरु ने इन आतंकी हमलों से क्या सीखा है? आप ऑपरेशन सिंदूर की बात करते हुए हमसे सवाल न पूछने की उम्मीद नहीं कर सकते। यह उस सरकार की विफलता है जिसने इस देश के लोगों को निराश किया है। आप अतीत की बात करते हुए हमसे आज के मुद्दों को भूल जाने की उम्मीद नहीं कर सकते। विश्वगुरु ने कोई सबक नहीं सीखा है। उन्होंने कुछ नहीं सिखाया है।
कनिमोझी ने ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान लोकसभा में मोदी सरकार पर निशाना साधा और उस पर विभाजनकारी राजनीति करने और राष्ट्रीय सुरक्षा पर महत्वपूर्ण ब्रीफिंग से विपक्ष को बाहर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश को बांटना, ज़रूरत पड़ने पर खड़े न होना - ऐसी कोई उम्मीद नहीं है। हम आपकी विभाजनकारी राजनीति के लिए आपके साथ नहीं खड़े हैं। क्या आपने कभी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के बाद हमें घटनाक्रम की जानकारी देने के लिए बुलाया है?
कनिमोझी ने ऑपरेशन सिंदूर ग्लोबल आउटरीच में विपक्ष की भागीदारी पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में विपक्षी नेताओं को भेजने के भाजपा के कदम की सराहना की, लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रतिनिधिमंडल के गठन के लिए ज़िम्मेदार परिस्थितियाँ दुर्भाग्यपूर्ण थीं। डीएमके सांसद ने कहा कि पहली बार, भाजपा ने विपक्ष पर थोड़ा भरोसा दिखाया है, और उन्होंने हमें इस देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए (सांसदों) प्रतिनिधिमंडलों के नेता के रूप में भेजा। मैं उनका धन्यवाद करती हूँ। लेकिन साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूँगी कि अगर इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने का अवसर न मिला होता, तो हम ज़्यादा खुश और आभारी होते। हमें इन प्रतिनिधिमंडलों (ऑपरेशन सिंदूर ग्लोबल आउटरीच पर सांसदों के प्रतिनिधिमंडल) में इसलिए जाना पड़ा क्योंकि शांति व्यवस्था टूट चुकी थी, और आपने (केंद्र सरकार ने) भारत के लोगों को निराश किया था।
कनिमोझी ने गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का विरोध किया, जिसमें उन्होंने विपक्षी दलों को "कम देशभक्त" बताया था। उन्होंने शाह को याद दिलाया कि डीएमके पहली पार्टी थी जिसने रक्षा बलों के समर्थन में रैली निकाली थी और सर्वदलीय बैठक के दौरान सरकार के साथ खड़ी रही थी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने अपने भाषण में हमें कम देशभक्त दिखाया। हमने इस देश को कभी निराश नहीं किया है। डीएमके पहली पार्टी थी जिसने हमारे रक्षा बलों के समर्थन में रैली निकाली थी। जब आपने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तो हम आए और कहा था कि हम आपके साथ खड़े हैं।