By अभिनय आकाश | Jul 23, 2025
शौर्य की गाथाएं, बलिदान की अमिट कथाएं और भारतीय वायुसेना के सुनहरे इतिहास के पन्नों को आज इस रिपोर्ट के जरिए टटोलेंगे। आज से पांच साल पहले फरवरी के महीने में बालाकोट स्ट्राइक का बदला लेने भारत के वायुसीमा में घुसे पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को हमारे वायुयोद्धाओं ने खदेड़ दिया। इसी दौरान विंग कमांडर अभिनंदन ने पुरानी तकनीक वाले मिग 21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया। वैसे तो भारत के पास कई लड़ाकू विमान हैं लेकिन ज्यादातर मौकों पर मिग-21 का इस्तेमाल होता रहा है। इसे भारत का सबसे पुराना फाइटर जेट माना जाता है। मिग 21 को 1964 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। इसे सोवियत संघ द्वारा निर्मित किया गया था। इंडियन एयर फोर्स के सबसे पुराने फाइटर जेट्स में से एक मिग-21 के रिटायरमेंट की तारीख आ गई है। भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल मिग-21 विमानों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वायु सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि सितंबर 2025 तक बेड़े में शामिल सभी मिग-21 फाइटर जेट्स को रिटायर कर दिया जाएगा।
फाइटर जेट्स की दुनिया में मिग 21 को आसमान का एके 47 कहा जाता है। यानी जमीन पर एके 47 की तरह आसमान में इसकी मारक क्षमता घातक और अचूक है। हवाई युद्ध के जानकार मानते हैं कि आज तक मिग 21 ने युद्ध में सबसे ज्यादा शत्रु विमानों को गिराया है। ये आंकडा़ 120 के आसपास बताया जाता है। आज तक कुल 11 हजार से ज्यादा मिग 21 फाइटर जेट्स बनाए जा चुके हैं। ये दुनिया में बनाए गए फाइटर जेट्स में सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि भारतीय वायुसेना के इतिहास में मिग 21 के साथ दर्दनाक चैप्टर भी जुड़ा है। एक ऐसा वक्त भी आया जब इस लड़ाकू विमान को पायलटों के लिए उड़ता ताबूत कहा जाने लगा। मिग 21 से जुड़ी दुर्घटनाओं में भारतीय वायुसेना के कई पायलटों की मौत हो गई।
ये भी एक सच है कि दुर्घटनाओं के इतिहास के बावजूद आज भी मिग 21 दुनिया का सबसे पुराना ऑपरेशन्ल फाइटर जेट है और आज भी कई देश इस फाइटर जेट्स को उड़ा रहे हैं। मिग 21 पर आज भी यमन, युगांडा, सूडान, मोजांबीक, माली और अंगोलो को भरोसा है। वो आज भी इस फाइटर जेट के ऑरीजन वर्जन को इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि सीरिया, लीबिया, उत्तर कोरिया, अजरबैजान, क्यूबा जैसे देशों की वायुसेना कुछ बदवाओं के साथ मिग 21 का इस्तेमाल कर रही है। मिग-21 बाइसन की दो स्क्वोंडून है, कोबरा और पैंथर्स। इनकी नंबर प्लेटिंग के बाद एयरफोर्स में फाइटर जेट की सिर्फ 29 स्क्वॉडून रह जाएंगी। नई स्कवॉइन बनाने के लिए एयरफोर्स को तेजस (LCA MK1-A) फाइटर जेट का इंतजार है।
स्क्वॉड्रन कोबरा और 23 स्क्वॉड्रन पैथर्स की नंबर प्लेटिंग होगी। नबर प्लेटिंग का मतलब होता है कि वह स्क्वॉड्रन सक्रिय नहीं है और वक्त आने पर उसे नए एयरक्राफ्ट के साथ फिर से एक्टिव किया जाएगा। जिस स्क्वॉड्रन की नबर प्लेटिंग हो रही होती है, उसके पास जो एसेस्ट्स है जैसे इक्विपमेंट और मैन पावर उन्हें दूसरी स्क्वॉड्रन में दे दिया जाता है। जिस स्क्वॉड्रन की नबर प्लेटिंग की जाती है वह अपना इतिहास सजो कर रखती है। जब नए एयरक्राफ्ट आएगे तो उस स्क्वॉडून को उसके इतिहास और ट्रेडिशन के साथ फिर उसी नाम से नए एयरक्राफ्ट के साथ शुरू किया जाएगा।
1960 के दशक के सबसे बेहतरीन फाइटर जेट है मिग-21, इन्हें अपग्रेड कर इनका नाम मिग-21 बाइसन रखा गया। अभी एयरफोर्स के पास मिग-21 बाइसन की दो स्क्वॉडून हैं। मिग फाइटर जेट का भारत सबसे बड़ा ऑपरेट रहा। 1961 में पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए इसे खरीदने का प्लान बना और साल 1964 में एयरफोर्स को यह मिलने लगा। मिग-21 का इस्तेमाल 1965 की और 1971 की जंग में किया गया और ढाका के गवर्नर हाउस पर 14 दिसंबर 1971 को मिग-21 फाइटर जेट से ही अटैक किया गया। यह 1971 की जंग का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। कारगिल युद्ध में भी मिग-21 फाइटर जेट की काबिलियत दिखी थी।