By अंकित सिंह | Dec 19, 2022
कर्नाटक विधानसभा में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की तस्वीर लगने पर विवाद बड़ा होता जा रहा है। कांग्रेस जबरदस्त तरीके से भाजपा कर्नाटक सरकार पर हमलावर है। तो दूसरी ओर भाजपा की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है। कुल मिलाकर देखें तो आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक वार पलटवार का लगातार दौड़ देखने को मिल रहा है। इन सब के बीच कांग्रेस को भाजपा पर निशाना साधने का एक और बड़ा मौका मिल गया है। दरअसल, सोमवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा में सावरकर सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के चित्र का अनावरण किया। इसके बाद कांग्रेस जबरदस्त तरीके से हमलावर हो गई।
कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि यह भाजपा का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि यह कोई विरोध नहीं है, यह हमारी मांग है कि सभी राष्ट्रीय नेताओं और समाज सुधारकों के चित्र (कर्नाटक विधानसभा हॉल में) लगाए जाएं। इसके साथ ही उन्होनं दावा किया कि विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने का एकतरफा फैसला लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी की तस्वीर लगाने के खिलाफ नहीं हूं। सरकार कानून और व्यवस्था जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में वीर सावरकर के अलावा महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, डॉक्टर बी आर अंबेडकर, सरदार पटेल और स्वामी विवेकानंद के भी चित्रों का अनावरण किया गया।
भाजपा का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर बाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वीर सावरकर की (फोटो) लगाने से आपको दुख हुआ। सिद्धारमैया को पूछिए दाऊद इब्राहिम का लगाना है क्या? उनकी समस्या तुष्टीकरण की राजनीति है जिसके कारण आज देश इस स्थिति में पहुंचा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। वे स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका और उनके बलिदान के बारे में बात करते रहते हैं लेकिन कांग्रेस और यह कांग्रेस एक नहीं हैं, जो अब हमारे पास है वह नकली कांग्रेस है।