कर्नाटक: दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा SC

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 22, 2019

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों की उस नयी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा, जिसमें मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर राज्य विधानसभा में ‘तत्काल’ शक्ति परीक्षण कराने की मांग की गई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने निर्दलीय विधायक-आर शंकर और एच नागेश की याचिका पर आज ही सुनवाई करने से मना कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘मामले का उल्लेख करने पर इसे विचार के लिये लिया जाता है। मामले को कल रोस्टर के मुताबिक उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।’’  कर्नाटक विधानसभा में तीसरे दिन विश्वास मत के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। विधायकों की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शुरूआत में कहा कि उन्होंने कर्नाटक मामले में नयी याचिका दायर की है और इस पर अत्यावश्यक आधार पर आज या कल सुनवाई की जाए।

 

पीठ ने कहा, ‘‘असंभव। हमने पहले कभी ऐसा नहीं किया है। कल हम इस पर गौर कर सकते हैं।’ रोहतगी का कहना था कि कर्नाटक विधानसभा में किसी न किसी वजह से शक्ति परीक्षण में विलंब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन पहले शक्ति परीक्षण कराने का आदेश प्राप्त कर सकता है तो वही आदेश अब भी दिया जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘हम कल देखेंगे।’’

कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले इन दो निर्दलीय विधायकों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर राज्य में एच डी कुमारस्वामी सरकार को सोमवार को शाम पांच बजे तक सदन में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। इन विधायकों का कहना है कि सरकार से समर्थन वापस लेने के उनके निर्णय और 16 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के कारण राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है।

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इन विधायकों ने कहा है, ‘‘सरकार के अल्पमत में होने के बावजूद विश्वास मत हासिल करने में विलंब किया जा रहा है। हम कहना चाहते हैं कि एक अल्पमत सरकार, जिसके पास बहुमत का समर्थन नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है।’’ इन विधायकों ने कहा है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने संविधान के अनुच्छेद 175 (2) के अंतर्गत सदन को संदेश भेजकर विश्वास मत की कार्यवाही पूरा करने के लिये कहा लेकिन इसका पालन नहीं किया गया और विश्वास प्रस्ताव पर अंतहीन बहस जारी है। विधायकों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक गतिरोध का लाभ उठा रही है और पुलिस अधिकारियों, आईएएस अधिकारियों तथा अन्य अधिकारियों का तबादला करने जैसे अनेक अहम निर्णय ले रही है। राज्यपाल पर विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुये कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव द्वारा शीर्ष अदालत में आवेदन दायर करने के दो दिन बाद निर्दलीय विधायकों ने भी शीर्ष अदालत की शरण ली।

 

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