83 गवाह ने दिया बलात्कार आरोपी के खिलाफ बयान लेकिन नहीं आए काम, बिशप फ्रांको मुलक्कल हुआ बरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 14, 2022

कोट्टायम (केरल)। केरल में एक नन के साथ बलात्कार के आरोप से रोमन कैथलिक बिशप फ्रांको मुलक्कल के बरी हो जाने पर शुक्रवार को पीड़िता की समर्थक ननों ने अदालत के फैसले पर स्तब्धता जताते हुए निराशा प्रकट की और कहा कि न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। वहीं प्रसन्न दिख रहे बिशप ने अपने अनुयायियों से ‘प्रभु का गुणगान करने एवं प्रसन्न रहने’ की अपील की। न्याय की लड़ाई में सदैव पीड़िता के साथ खड़ी रहीं यहां के कुराविलांगड कन्वेंट की ननों ने रूंधे गले से कहा कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि अदालत से ऐसा फैसला आयेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ? पीड़िता एवं उनकी समर्थक नन दक्षिण केरल के इस जिले में कुराविलांगड कन्वेंट में रहती हैं।

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न्याय के लिए ननों के संघर्ष का चेहरा रही सिस्टर अनुपमा ने संवाददाताओं से कहा कि वे निश्चित ही इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगी और अपनी बेबस सहयोगी की लड़ाई को आगे ले जायेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो धनी एवं प्रभावशाली हैं वे इस समाज में कुछ भी कर सकते हैं। समाज में यही हम अपने आसपास देखते हैं। हमने इस मामले की बहस के समय तक कुछ भी अजीब महसूस नहीं किया। हमारा मानना है कि उसके बाद इसे (मामले को) बिगाड़ दिया गया।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कन्वेंट में सुरक्षित होंगी और क्या उन्हें इस फैसले के आलोक में चर्च प्रशासन से बुरे बर्ताव का अंदेशा है तो उन्होंने कहा कि वे यहां कभी सुरक्षित नहीं थीं और वे संस्था के अंदर हो रही कई चीजें नहीं बता सकतीं। सिस्टर अनुपमा ने कहा कि वह पीडि़ता के न्याय के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। इस बीच फैसले से राहत महसूस कर रहे मुलक्कल ने कहा, ‘‘ जिन पेड़ों पर फल लगते हैं, पत्थर उनपर ही फेंके ही जाते हैं। मुझे उस पर (फैसले से) गर्व है। प्रभु का गुणगान करिए।’’

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अदालत का फैसला सुनकर उनकी आंखों से आंसु निकल आए। लड़ाई में पीडि़ता का साथ देने वाले जांचकर्ताओं , वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अदालत के फैसले पर आश्चर्य प्रकट किया। इस बलात्कार कांड की जांच टीम के अगुवा एस हरिशंकर ने कहा कि इस मामले में शतप्रतिशत दोषसिद्धि की उम्मीद थी और फैसला बिल्कुल आश्चर्य में डालने वाला है। सरकारी वकील जितेश जे बाबू ने कहा कि एक लाइन वाला फैसला है और फैसले की प्रति मिलने के बाद ही उन्हें पूरी बात पता चलेगा। मुलक्कल (57) पर आरोप है कि इस जिले में एक कन्वेंट के अपने दौरों के समय बार बार पीड़िता के साथ बलात्कार किया। तब वह रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिज के बिशप थे।

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