By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 14, 2020
तिरुवनंतपुरम। विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जाने के बाद केरल सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह इस कानून के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी क्योंकि यह देश की धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को “नष्ट” करता है। माकपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर यह घोषित करने की मांग की है कि संशोधित नागरिकता कानून संविधान के ‘अनुरूप नहीं’ है।
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प्रदेश के उद्योग मंत्री ई पी जयराजन ने संवाददाताओं को यहां बताया कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और इस कानून से लड़ने के लिये सभी विकल्पों पर विचार करेगी। जयराजन ने कहा, “राज्य सरकार किसी भी हद तक जाएगी और सीएए के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। यह कानून देश में लोकतंत्र को नष्ट करता है।” उन्होंने कहा, “यह सिर्फ आरएसएस के एजेंडे को लागू करने, देश को फासीवादी शासन से चलाने और देश की धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र को नष्ट करने में मदद करेगा।” जयराजन ने कहा, “आरएसएस और संघ परिवार बाहुबल के इस्तेमाल से इस कानून को लागू नहीं करा सकता।”उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “केरल सरकार ने असंवैधानिक सीएए के खिलाफ याचिका दायर की है। सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है। केरल ने राह दिखाई है।”