Agra में BJP का किला क्या ढहने वाला है, यह जानने के लिए जब हम मोहब्बत की नगरी में पहुंचे तो लोगों की प्रतिक्रिया जान कर दंग रह गए

By नीरज कुमार दुबे | Apr 30, 2024

लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 10 संसदीय सीटों पर चुनाव कराया जायेगा। इनमें एक सीट आगरा भी शामिल है। आगरा में पिछले तीन लोकसभा चुनावों से भाजपा का कब्जा है। 


भाजपा ने इस सीट से निवर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को चुनाव में उतारा है।  वहीं सपा और बसपा ने इस सीट से जाटव समाज के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है। बसपा से जहां पूजा अमरोही चुनाव मैदान में हैं वहीं सपा ने सुरेश चंद कर्दम को अपना प्रत्याशी बनाया है।


भाजपा उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल जहां जाना पहचाना चेहरा हैं वहीं बसपा प्रत्याशी पूजा कांग्रेस की पूर्व राज्यसभा सांसद सत्या बहन की बेटी हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। सपा उम्मीदवार सुरेश चंद कर्दम जूता व्यापारी हैं। वह साल 2000 में बसपा के टिकट पर आगरा के महापौर का चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे।

इसे भी पढ़ें: Hema Malini क्या सचमुच Mathura में इस बार मुश्किल स्थिति में थीं, Prabhasakshi Ground Report के जरिये जानें जमीनी सच्चाई

आगरा में अपने अपने उम्मीदवारों की जीत के लिए राजनेताओं ने पूरा जोर लगाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ नेता जहां बघेल के लिए रैली कर चुके हैं वहीं अखिलेश यादव सपा उम्मीदवार के लिए आगरा आकर वोट मांग चुके हैं। बसपा प्रत्याशी के लिए पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद प्रचार कर चुके हैं।


प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा के दौरान हमने कई गलियों और मोहल्लों में जाकर लोगों की प्रतिक्रिया जानी। लोगों ने हमसे बातचीत में कहा कि मोदी और योगी सरकार ने आगरा को विकास की कई परियोजनाएं दी हैं लेकिन अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है। जब हमने लोगों से पूछा कि क्या जनता इस बार बदलाव के मूड़ में है तो अधिकांश ने कहा कि हम तीसरी बार मोदी सरकार चाहते हैं। लोगों ने कहा कि सपा और बसपा को उनके वोटरों के ही वोट मिल जाएं तो बड़ी बात होगी। लोगों ने कहा कि जिस तरह सांसद बघेल सबके लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं वो उनको सबसे अलग बनाता है। लोगों ने कहा कि यह सही है कि बेरोजगारी और महंगाई एक बड़ी समस्या है लेकिन जिस तरह से मोदी जी ने कोरोना काल में देश को संभाला उससे हमारा ये विश्वास प्रबल हुआ है कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है। लोगों ने कहा कि कुछ लोग जाति के मुद्दे उभार कर चुनावों का रुख मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह सफल नहीं होंगे।


हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही हैं इसलिए उम्मीद है कि मुस्लिम वोट सपा उम्मीदवार को जायेगा। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 2 लाख के आसपास है। इसके अलावा, सपा उम्मीदवार भी चूंकि जाटव हैं इसलिए जाटव वोटों में बिखराव निश्चित है।


आगरा में दलित मतदाताओं की संख्या करीब 30 फीसदी है। इस वर्ग का वोट अब भाजपा के साथ जुड़ चुका है इसलिए भाजपा 1991 से अब तक यहां 6 लोकसभा चुनाव जीत चुकी है। भाजपा के साथ दलितों के अलावा ब्राह्मण, वैश्य, पंजाबी और गैर यादव ओबीसी वर्ग जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि भाजपा 1989 से लगातार आगरा शहर के मेयर का चुनाव जीत रही है। यही नहीं, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शहर की पांचों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इस लिहाज से देखा जाए तो आगरा भाजपा का गढ़ बन चुका है। अन्य दलों के पास चूंकि पीएम पद के लिए कोई चेहरा नहीं है इस बात का भी लाभ यहां भाजपा को होता हुआ दिख रहा है।


- नीरज कुमार दुबे

प्रमुख खबरें

मेरे साथ बहुत बुरा हुआ...स्वाति मालीवाल ने तोड़ी चुप्पी, बीजेपी से क्या की गुजारिश

Open AI का नया GPT-4o मॉडल क्या है? अबतक का सबसे तेज और शक्तिशाली AI, जानें इसकी खासियत

दीदी, वाम और श्रीराम: बंगाल का चुनाव, सबका अपना-अपना दांव, प्रदेश की सियासी लड़ाई के पूरे परिदृश्य को 5 प्वाइंट में समझें

जो महंगाई पहले डायन थी, अब महबूबा हो गई है, तेजस्वी का भाजपा पर वार, बोले- PM Modi से नहीं चलता देश