By अभिनय आकाश | Feb 08, 2023
तुर्की में बैक टू बैक भूंकप के पांच झटकों ने तबाही ला दी है। मौत का आंकड़ा नौ हजार को पार कर चुका है। हजारों लोग घायल हैं और मलबे में अभी तक कितनी जिंदगियां भवन हैं ठीक-ठाक अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। इस प्राकृतिक आपदा ने दुनियाभर के लोगों की नींद उड़ा रखी है। खासकर उन क्षेत्रों में रहने वाले लोग डर के साए में जी रहे हैं जो इलाका उस जोन में आता है जहां भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है। भारत में भी ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें खतरों के आधार पर चार भागों में बांटा गया है। जैसे जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V।
देश के किस हिस्से में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा
भूकंप के इतिहास के आधार पर भारत में भी इन्हें चार हिस्सों में बांटा गया है। जोन V का मतलब है वो क्षेत्र जहां भूकंप आने का खतरा सबसे ज्यादा है। वहीं जोन II को सबसे कम खतरे वाला क्षेत्र बताया गया है। जोन V में पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा शामिल है। इस क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्से, लद्दाख के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात के कच्छ का रण, उत्तर बिहार के कुछ हिस्से और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। ये वो हिस्सा है जहां भूकंप के आने का सबसे ज्यादा खतरा है।
कब-कब आए बड़े भूकंप
साल | तीव्रता | केंद्र |
15 जुलाई 1720 | 6.5 | दिल्ली |
1 सितंबर 1842 | 6.0 | मथुरा |
16 जनवरी 1842 | 5.5 | मथुरा |
10 अक्टूबर 1956 | 6.7 | बुलंदशहर |
27 अगस्त 1960 | 6.0 | फरीदाबाद |
15 अगस्त 1966 | 5.8 | मुरादाबाद |
जोन IV में जम्मू और कश्मीर के अन्य हिस्से, लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के पास महाराष्ट्र के कुछ हिस्से और राजस्थान को इस जोन में शामिल किया गया है। दिल्ली एनसीआर में यमुना नदी आदि के इलाके वाले हिस्से में सबसे ज्यादा खतरा बताया गया है।
दिल्ली एनसीआर के किन क्षेत्रों में भूकंप का ज्यादा खतरा
रेड जोन - यमुना फ्लड प्लेन, पटपड़गंज, मयूर विहार, प्रीत विहार, लक्ष्मी नगर, अक्षरधाम
ऑरेंज जोन - जनकपुरी, वजीराबाद, गीता कॉलोनी, सरिता विहार, लुटियंस जोन, जहांगीरपुरी, पश्चिम विहार, रोहिणी, रिठाला, नॉर्थ कैंपस
ग्रीन जोन - जेएनयू, एम्स, छतरपुर, नारायणा, वसंत कुंज, हौज खास
जोन III में देश के सबसे ज्यादा राज्य शामिल हैं। केरल, गोवा, लक्ष्यद्वीप, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्से, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब के कुछ हिस्से, राजस्थान, मध्य प्रदेश बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक को इस जोन में शामिल किया गया है।
जोन II को इन राज्यों के अलावा अन्य क्षेत्र को शामिल किया गया है। इस जोन में आने वाले इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे कम है।