By रेनू तिवारी | Nov 30, 2022
International Gita Mahotsav, Kurukshetra Utsav | श्रीमद भगवद गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है और गीता जयंती समारोह श्रीमद भगवद गीता के जन्म को समर्पित है। यह त्योहार हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है और इसे अत्यधिक धार्मिक उत्साह और समर्पण के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मनाया जाता है। त्योहार का स्थान घटना की पवित्रता को जोड़ता है। कुरुक्षेत्र वह भूमि है जहां माना जाता है कि दिव्य गीत 'भगवद् गीता' को भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया था। यह स्थान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रसिद्ध ऋषि मनु ने यहीं मनुस्मृति लिखी थी। ऋग्वेद और सामवेद की रचना भी यहीं हुई थी। भगवान कृष्ण के अलावा, गौतम बुद्ध और प्रख्यात सिख गुरुओं जैसे दिव्य व्यक्तित्वों द्वारा भूमि का दौरा किया गया था।
श्रीमद भगवद् गीता अपनी स्थापना के समय से ही हिंदुओं के लिए दार्शनिक मार्गदर्शक और आध्यात्मिक शिक्षक रही है। गीता में, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कई सबक सिखाए हैं, जिन्हें जीवन जीने का आदर्श साधन माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं का पवित्र शास्त्र जीवन की किसी भी समस्या के लिए सभी समाधान प्रदान करता है।
गीता जयंती समारोह के दौरान पूरे भारत से भक्त और तीर्थयात्री कुरुक्षेत्र में एकत्रित होते हैं। पवित्र सरोवर-सन्निहित सरोवर और ब्रह्म सरोवर के पवित्र जल में स्नान करने के लिए सभी के द्वारा पालन किया जाने वाला एक अनुष्ठान है। असंख्य गतिविधियों के आयोजन से पूरा वातावरण दिव्य और आध्यात्मिक हो जाता है। सप्ताह भर चलने वाला यह उत्सव श्लोक पाठ, नृत्य प्रदर्शन, भगवद् कथा वाचन, भजन, नाटक, पुस्तक प्रदर्शनी और मुफ्त चिकित्सा जांच शिविर जैसे प्रमुख आकर्षणों के साथ मनाया जाता है। समारोह का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा पर्यटन, जिला प्रशासन, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग हरियाणा द्वारा किया जाता है।
गीता महोत्सव: कुरुक्षेत्र
इस दौरान मनाया जाता है: नवंबर/दिसंबर
मुख्य आकर्षण: अमर गीता को पवित्र श्रद्धांजलि