By Prabhasakshi News Desk | Jun 14, 2024
मोदी 3.0 में राष्ट्रीय जनता दल (जेडीयू) के कोटे से दो नेताओं को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। जिसमें जनता दल के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। ललन सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं और जेडीयू में नीतीश कुमार के बाद उन्हीं का स्थान माना जाता है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में जेडीयू 12 सीट के साथ अहम जिम्मेदारी निभा रही है।
ललन सिंह का जन्म 24 जनवरी, 1955 को पटना में हुआ था। उनके पिता का नाम ज्वाला प्रसाद सिंह और मां का नाम कौशल्या देवी है। ललन सिंह ने टी.एन.बी. कॉलेज भागलपुर विश्वविद्यालय से आर्टस (इतिहास) में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत कॉलेज के समय से हुई थी। वह कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जेपी आंदोलन से उन्होंने नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद जैसे शख्सियतों के साथ राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखा। साल 2005 में बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार की ताजपोशी होने के बाद से वह उनके खास रणनीतिकार बने रहे। पार्टी के कई छोटे-बड़े मसलों पर उनकी दी गई राय अहम रही।
जदयू में नीतीश के बाद वह सबसे कद्दावर नेता माने जाते हैं। वह और नीतीश कुमार एक-दूसरे के क्लासमेट भी रह चुके हैं। ललन सिंह की राजनीतिक यात्रा काफी विस्तृत और प्रभावशाली रही है उन्होंने 2014 से 2019 तक बिहार विधान परिषद में सिंह 2000 से 2004 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। जनता दल के गद्दार नेता ललन सिंह 31 जुलाई 2021 से 29 सितंबर 2023 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे साथ ही में बिहार इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं अपने नेतृत्व और नेशन के चलते विभिन्न चुनाव में उन्होंने जदयू का नेतृत्व भी किया।
ललन सिंह ने 2014 में बिहार विधान परिषद में नामित होकर जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में सड़क निर्माण विभाग के मंत्रिमंडल के रूप में भी काम किया फिर बाद में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर वह महंगा गठबंधन सरकार में फिर से मंत्री बने उन्होंने 2010 में नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत की और बाद में पार्टी से हट गए हालांकि 2013 में नीतीश कुमार के साथ उनके मेल मिलाप के बाद में फिर से सक्रिय राजनीति में लेट और पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई