By अंकित सिंह | May 08, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय को आरजेडी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव पर कथित भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने सीआरपीसी की धारा 197(1) और बीएनएसएस, 2023 की धारा 218 के तहत अनिवार्य अनुमति दी। अगस्त 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन मामले में लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से संबंधित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के स्थानापन्नों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार में लिप्त थे। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि उम्मीदवारों या उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा, एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि जमीन के टुकड़े सीधे या परोक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थे। इसके अलावा, सीबीआई ने इस मामले में तीन आरोपपत्र भी दाखिल किए थे।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने मार्च में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान जमीन के बदले नौकरी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ की थी। नाम न बताने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि लालू से संजय राय नामक व्यक्ति के बारे में भी पूछा गया, जिसने अपना 3,375 वर्ग फुट का प्लॉट राबड़ी को 3.75 लाख रुपये की मामूली कीमत पर बेचा और कुछ ही समय में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी पा ली।