By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 20, 2017
नयी दिल्ली। ब्रिटेन की तेल खोज कंपनी केयर्न एनर्जी ने कहा कि भारत के साथ कर विवाद में अंतिम सुनवाई अब छह महीने देरी से यानी अगस्त, 2018 में शुरू होगी। पिछली तारीख से 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग के मामले को केयर्न अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए ले गई है।
अंतराष्ट्रीय पंचाट अब इस पर अगले साल अगस्त में अंतिम सुनवाई करेगा। भारतीय इकाई में करीब एक दशक पुराने आंतरिक पुनर्गठन मामले में सरकार ने नए कानून के तहत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कंपनी पर 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग का नोटिस भेजा था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने अंतिम सुनवाई की तारीख अगले बढ़ने की जानकारी दी है। हालांकि, कंपनी ने इस देरी की वजह नहीं बताई है। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण के समक्ष दिसंबर तक जवाब और प्रतिवाद दाखिल कर दिया जाएगा और इस पर अंतिम सुनवाई 2018 की शुरूआत में शुरू हो जाएगी।
केयर्न ने कहा, ‘‘न्यायाधिकरण ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष इस समयसीमा का कड़ाई से अनुपालन करेंगे और वह इस मामले में फैसला देने में तेजी से आगे बढ़ने का प्रयास करेगा।’’ केयर्न ने कहा कि उसकी अनुषंगी केयर्न यूके होल्डिंग्स को 2016 में भारतीय आयकर विभाग से आकलन आदेश मिला था। यह केयर्न इंडिया के भारत में आईपीओ से पले अंतर समूह पुनर्गठन के बारे में था।
इस आदेश में 2012 में लागू कर कानून में पिछली तारीख से संशोधन का उल्लेख किया गया था। केयर्न ने आंतरिक पुनर्गठन के लिए समूह पर कर लगाने के प्रयास का विरोध किया था। इस आकलन आदेश में 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग की गई थी। 2007 से 18,800 करोड़ रुपये का ब्याज भी लगाया गया था। हालांकि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने 2016 में इसे खारिज कर दिया था।