By अनन्या मिश्रा | Oct 24, 2025
जनता दल यूनाइटेड का गठन 30 अक्तूबर 2003 को हुआ था। बता दें कि यह जनता दल पार्टी से अलग हुए दलों का एकजुट रूप है। इसको शरद यादव की जनता दल, समता पार्टी और लोकशक्ति पार्टी को मिलाकर बनाया गया था। धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत और सामाजिक न्याय के साथ विकास को लेकर जनता दल यूनाइटेड पार्टी का निरंतर प्रसार होता गया। हालांकि इस अवधि में जदयू ने बिहार सहित अन्य राज्यों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
पूर्वी भारत के बिहार और झारखंड राज्यों में जनता दल यूनाइटेड एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है। पार्टी की उपस्थिति राष्ट्रीय राजनीति और नई दिल्ली स्थित केंद्र सरकार में भी रही है। वहीं साल 2013 से लगातार विरोधी राजनीतिक गठबंधनों के बीच झूलता रहा है। जिस कारण पार्टी को एक अविश्वसनीय और कठिन सहयोगी प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है।
देवगौड़ा के नेतृत्व वाले गुट ने एनडीए से जुड़ने का विरोध किया और एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी की स्थापना की। इस पार्टी का नाम जनता दल (सेक्युलर) या जेडी(एस) रखा गया। वहीं जेडी के बचे हुए हिस्से को जनता दल (यूनाइटेड) नाम दिया गया। वहीं 4 साल बाद अक्तूबर 2003 में जेडी(यू) का समता और अन्य छोटी पार्टियों के साथ विलय हो गया और यह पुनर्गठित जेडी(यू) बन गई। फर्नांडीस नई पार्टी के पहले अध्यक्ष बने और यादव इसके संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने। वर्तमान समय में जनता दल यूनाइडेट के सर्वेसर्वा नीतीश कुमार हैं और साथ ही बिहार के शासक भी वही हैं।
जेडीयू ने फरवरी 2005 में पहली बार बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। इस दौरान पार्टी ने दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा सीटें अपने खाते में की। वहीं अक्तूबर 2005 में दूसरे चुनाव में जेडीयू ने 243 में 88 सीटें हासिल कर निर्णायक जीत हासिल की। फिर साल 2005 में पार्टी ने दोनों चुनावों के साथ बीजेपी के साथ गठबंधन किया और राज्य में गठबंधन सरकार बनाई। इस दौरान नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बनें। नीतीश कुमार ने आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य की स्थिति को सुधारने के लिए फौरन नीतियां लागू करना शुरू कर दिया।
फिर साल 2010 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू ने पहले से भी बेहतर प्रदर्शन किया और इस दौरान पार्टी के खाते में 115 सीटें जीतीं। इस दौरान जेडीयू ने अपनी सहयोगी पार्टी के साथ मिलकर फिर गठबंधन सरकार बनाई और फिर साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया। साल 2020 के चुनावों में पार्टी ने 43 सीटें जीतीं और गठबंधन की सरकार बनाने में सफल रही।
भले ही पिछले 20 सालों में जदयू ने बिहार में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे राज्यों में पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा भी मिला हुआ है। लेकिन जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी न बनने का मलाल भी है