Rashtriya Janata Dal: बिहार की राजनीति में ऐसे चमकी थी राष्ट्रीय जनता दल, लालू यादव ने की थी स्थापना

साल 1996 से लेकर 1998 तक भारत की केंद्रीय राजनीति का दौर सबसे अस्थिर माना जाता है। जब लालू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था, तब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे। लेकिन इसी दौर में लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ सीबीआई ने चारा घोटाले में चार्जशीट दाख़िल करने का फैसला लिया।
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल देश की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों में से एक है। लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना 05 जुलाई 1997 को हुई थी। इस पार्टी की बिहार में तीन बार सरकार बन चुकी है। पार्टी का चिन्ह लालटेन है और साल 2008 में राजद राष्ट्रीय पार्टी बन गई थी, लेकिन साल 2010 में इस पार्टी ने यह हैसियत गंवा दी। पार्टी प्रमुख लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री के साथ केंद्र में रेलवे मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा लालू यादव की पत्नी रबड़ी देवी तीन बार बिहार की सीएम रह चुकी हैं। वहीं इस समय लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, छोटे बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती भी राजनीति में सक्रिय हैं।
राजद का इतिहास
साल 1996 से लेकर 1998 तक भारत की केंद्रीय राजनीति का दौर सबसे अस्थिर माना जाता है। जब लालू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था, तब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे। लेकिन इसी दौर में लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ सीबीआई ने चारा घोटाले में चार्जशीट दाख़िल करने का फैसला लिया। चारा घोटाले में आरोपित होने के बाद लालू यादव ने सत्ता और राजनीतिक आधार को सुरक्षित रखने के लिए पार्टी की स्थापना की थी। इस दल का चुनाव-चिह्न तीर है और झंडा हरे-सफेद रंग का।
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मुश्किलों में घिरी राजद
बता दें कि राजद के नेतृ्त्व पर बार-बार उच्च-प्रोफ़ाइल भ्रष्टाचार घोटालों के आरोप लगे हैं। इसके अलावा ज़मीन के बदले नौकरी घोटाला, रेलवे टेंडर रिश्वत कांड, 2017 में आयकर चोरी मामले, पटना ज़ू मिट्टी घोटाले और अवैध सम्पत्ति मामलों सहित यादव परिवार के अन्य सदस्यों और पार्टी के वंशज नेता तेजस्वी यादव पर भी मुकदमे दर्ज हैं।
नंबर 1 बनी थी आरजेडी
लालू यादव ने साल 1997 में अपने दम पर जिस आरजेडी को खड़ा किया था, उसके अगले ही विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कमाल कर दिया था। उस दौरान झारखंड बिहार का हिस्सा था। इस दौरान यहां पर 324 विधानसभा सीटें हुआ करती थीं। साल 2000 के राज्य विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 324 में से 124 सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि पार्टी के पास बहुमत नहीं था, ऐसे में राज्य में थोड़ा सियासी उथल-पुथल देखने को मिली।
इस दौरान केंद्र की सरकार ने दूसरी पार्टी को अपना समर्थन दिया, लेकिन विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण सरकार गिर गई। जिसके बाद लालू यादव ने अपने जबरदस्त मैनेजमेंट से सत्ता अपने हाथों में ली और साल 2005 तक 5 साल और फिर राबड़ी देवी राज्य की मुख्यमंत्री बनीं।
वहीं साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था। इस महागठबंधन ने कुल मिलाकर 243 में से 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन बहुमत के लिए राजद गठबंधन 122 का आंकड़ा पूरा नहीं कर सका। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में 75 विधायकों के साथ राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आयी।
पार्टी का समर्थन
राजद पार्टी का समर्थन आधार पारंपरिक रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम और दलित रहा है। इसको निचली जातियों का राजनीतिक चैंपियन माना जाता है। वहीं पार्टी की विचारधारा समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष है।
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