Chaitra Navratri 2023: जानें कलश स्थापना का समय और पूजन विधि

By डा. अनीष व्यास | Mar 21, 2023

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र है। उत्तर भाद्रपद नक्षत्र को ज्ञान, खुशी और सौभाग्य का संकेत माना जाता है। यह 22 मार्च को दोपहर 03:32 मिनट तक है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं और इसके राशि स्वामी गुरु हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है, जो 22 मार्च को प्रात:काल से लेकर सुबह 9:18 मिनट तक है। उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ होगा, जो 23 मार्च की सुबह 06:16 बजे तक रहेगा। फिर इंद्र योग प्रारंभ हो जाएगा। इस तरह चैत्र नवरात्रि के प्रथम तिथि पर 3 शुभ योग शुक्ल, ब्रह्म और इंद्र योग बन रहे हैं।


कलश स्थापना: बुधवार 22 मार्च 2023

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त- प्रात: 06:33 से प्रात: 07:40 मिनट तक

द्विस्वभाव मिथुन लग्न- प्रात: 11:14 से दोपहर 12:10 मिनट तक

लाभ-अमृत का चौघड़िया- प्रात: 06:33 से प्रात: 09:33 मिनट तक

शुभ का चौघड़िया- प्रात: 11:04 से दोपहर 12:10 मिनट तक

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नोट:- इस दिन बुधवार होने से अभिजित मुहूर्त (दोपहर 12:10 से दोपहर 12:58) को टालना चाहिए।


चैत्र नवरात्रि की तिथियां

22 मार्च- नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना

23 मार्च- नवरात्रि द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

24 मार्च- नवरात्रि तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा

25 मार्च- नवरात्रि चतुर्थी- मां कुष्मांडा पूजा

26 मार्च- नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता पूजा

27 मार्च- नवरात्रि षष्ठी- मां कात्यायनी पूजा

28 मार्च- नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि पूजा

29 मार्च- नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी

30 मार्च- नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री, रामनवमी

31 मार्च- नवरात्रि दशमी- नवरात्रि पार


- डा. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक

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