By अनन्या मिश्रा | Oct 16, 2025
भारत के वित्तमंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान का 16 अक्तूबर को निधन हो गया था। अविभाजित भारत में जब जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी थी। जब पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बने और इस सरकार में लियाकत अली को खान को वित्त मंत्री बनाया गया। हालांकि भारत-पाकिस्तान के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान चले गए। इसके बाद लियाकत अली खान बनाए गए। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
करनाल में 01 अक्तूबर 1895 को लियाकत अली खान का जन्म हुआ था। वह अपनी शुरूआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद मुस्लिम यूनिवर्सिटी से होते हुए ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। फिर साल 1923 में देश वापस आने के बाद उन्होंने फौरन राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद लियाकत अली खान जिन्ना के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के सबसे बड़े नेता माने जाते थे।
बता दें कि ब्रितानी हुकूमत ने फरवरी 1860 में देश का पहला स्ट्रक्चर्ड बजट में पेश किया था। जिसको पेश करने वाले अंग्रेज वित्त विशेषज्ञ जेम्स विल्सन थे। वहीं आजादी के ऐलान के बाद लियाकत अली खान पहला बजट लेकर आए थे। वह मोहम्मद अली जिन्ना के बेहद खास माने जाते थे। जिन्ना की सिफारिश पर ही लियाकत अली खान को अंतरिम सरकार में वित्त मंत्रालय मिला था। यह देश के बंटवारे से पहले की बात है।
इस दौरान लियाकत अली खान पर आरोप लगे थे कि वह वित्त पद पर होने का फायदा उठाते हैं। वहीं वह हिंदू मंत्रियों पर भी अपनी कट्टरता दिखाते हैं। कहा जाता था कि कथित तौर पर लियाकत अली खान गैर मुस्लिम मंत्रियों के लिए खर्चों पर आसानी से राजी नहीं होते थे।
देश के विभाजन के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान चले गए थे। जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। लियाकत अली खान 4 साल 2 महीने और 2 दिन पाकिस्तान के पीएम रहे थे। वहीं साल 1950 में लियाकत अली खान ने भारत और पाकिस्तान के बीच 08 अप्रैल 1950 को एक समझौता किया था, जिसका खास मकसद दोनों देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करना और भविष्य में होने वाली युद्ध की संभावनाओं को खत्म करना था।
वहीं 16 अक्तूबर 1951 को लियाकत अली खान की पाकिस्तान के रावलपिंडी में हत्या कर दी थी।