हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में खूब बिकी शराब

By विजयेन्दर शर्मा | Jun 02, 2021

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भले ही कोरोना महामारी के चलते कईयों का रोजगार छिना हो या पर्यटन उदयोग तबाही के कगार पर है। लेकिन इसके बावजूद शराब की बिक्री कम नहीं हुई है जिससे सरकार को इस बार उम्मीद से अधिक राजस्व हासिल हुआ है। डेढ़ महीने से शराब के ठेके बंद होने की वजह से सरकार को हर रोज पांच करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा था। लॉकडाउन के बीच प्रदेश सरकार ने करीब महीना भर पहले शराब के ठेके खोलने का फैसला लिया था। शराब को आवश्यक वस्तुओं में शामिल कर बिक्री के आदेश भी जारी कर दिए। लेकिन जबरदस्त विरोध के बाद सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा। इसके बाद से 43 दिन तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहा। लेकिन अब ठेकों में रौनक लौट आई है सरकार की आमदनी का रास्ता खुल गया है। इसके साथ ही शराब लॉबी इस अवधि की लाईसेंस फीस माफ करने के लिये लॉबिंग करने में जुट गई है। इस बाबत बुधवार को प्रदेष के कुछ शराब ठेकेदार सीएम जय राम ठाकुर से शिमला में मिले व अपनी मांगे रखीं।


प्रदेश प्रदेश सरकार को आबकारी एवं कराधान विभाग ने मई, 2021 में कुल 500 करोड़ रुपये का राजस्व दिया है। यह राजस्व मई, 2020 में अर्जित 310 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल 61 प्रतिशत अधिक है। इसमें बडा हिस्सा शराब के ठेकों के जरिये मिला है हालंकि मई माह में षराब के ठेकों को बंद रखने के फैसले से कुछ नुक्सान भी सरकार को हुआ है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां कहा कि महामारी की मौजूदा स्थिति के बावजूद मई, 2021 में प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत 185 करोड़ रुपये, बिक्री कर/वैट के अंतर्गत 234 करोड़ रुपये, राज्य कर के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये, अन्य कर और ड्यूटी के अंतर्गत 25 करोड़ और यात्री और वस्तु कर के अंतर्गत छह करोड़ रुपये राजस्व के रूप में अर्जित किए गए हैं, जबकि मई 2020 में प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर के अंतर्गत 118 करोड़ रुपये, बिक्री कर/वैट के अंतर्गत 65 करोड़ रुपये, राज्य कर के अंतर्गत 108 करोड़ रुपये, अन्य कर और अन्य कर व ड्यूटी के अंतर्गत 15 करोड़ और यात्री और वस्तु कर के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों के जीवन यापन में संतुलन बनाते हुए वर्तमान महामारी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ध्यानपूर्वक व्यापक कदम उठाए हैं।  

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी व कराधान विभाग द्वारा एकत्र कुल राजस्व विभिन्न राजस्व मदों के तहत लागू किया गया है। चालू माह में जीएसटी के अन्तर्गत अर्जित राजस्व गत माह की उपलब्धियों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा महामारी के मद्देनजर करदाताओं को रिटर्न भरने में कुछ रियायतें दी गई हैं। इसके बावजूद विभाग ने मई 2021 में 185 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो गत वर्ष के इसी माह में अर्जित राजस्व से 56 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों को खोलने सम्बंधी प्रतिबंधों के कारण इस वर्ष मई माह के दौरान राजस्व एकत्रीकरण करने में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि विभाग ने आबकारी मद के तहत मई 2021 में 48 करोड़ रुपये और वैट मद के तहत 234 करोड़ रुपये अर्जित किए। उन्होंने कहा कि पैट्रोल पंपों की कार्य पद्धति में कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, इसलिए वैट राजस्व पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि अप्रैल और मई 2021 के कुल राजस्व 1147 करोड़ की तुलना गत वर्ष इन्हीं महीनों के 387 करोड़ से की जाए तो कुल अर्जित राजस्व में 197 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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