By अनुराग गुप्ता | Jun 16, 2020
फिर शुरू हुआ पलायन
इस पलायन को देखते हुए सरकारों ने प्रवासियों को भेजना का जिम्मा उठाया और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और बसों के जरिए उन्हें उनके गृह राज्य तक पहुंचाया। लेकिन बाद में जब लॉकडाउन में ढील दी गई तो उद्योगों को फिर से शुरू करने के लिए जो श्रमबल की आवश्यकता थी वो मौजूद नहीं थी क्योंकि कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने उन्हें इतना ज्यादा परेशान कर दिया था कि वह बड़े-बड़े शहरों को छोड़ अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो गए थे।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार दोपहर तक 175 रोडबेज बसों के जरिए 6,000 से अधिक प्रवासी मजदूर कौशांबी डिपो से जा चुके थे। जबकि रविवार का आंकड़ा तो और भी बड़ा था। रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को 23,000 मजदूर 698 बसों की मदद से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के लिए निकल चुके थे। दोबारा शुरू हुए पलायन के पीछे की वजह एक महीने के लिए फिर से होने वाले लॉकडाउन की अफवाह को बताया जा रहा है। अफवाह इसलिए क्योंकि सरकार द्वारा इस विषय को लेकर कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
फिर उड़ी अफवाह
हाल ही में एक मैसेज वायरल हुआ था जिसमें दावा किया जा रहा था कि 15 जून के बाद एक बार फिर से लॉकडाउन लागू हो जाएगा। हालांकि जब जांच पड़ताल की गई तो सामने आया कि यह पूरी तरह से गलत और भ्रामक जानकारी है। इस मुद्दे पर पीआईबी के फैक्ट चेक नामक ट्विटर अकांउट ने इससे जुड़ी हुई जानकारी ट्वीट करते हुए इसे फेक बताया।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से अधिकांश मजदूरों ने कौशांबी डिपो में कहा कि यदि फिर से लॉकडाउन होता है तो वो फिर सरवाइव नहीं कर पाएंगे। ज्यादातक मजदूर इस उम्मीद में वापस नहीं गए थे कि लॉकडाउन में मिली ढील उनके लिए अवसर बनकर सामने आएगी और उन्हें फिर से काम मिल जाएगा।
दिल्ली छोड़ रहे प्रवासी
राजधानी दिल्ली के लोनी स्थित एक कपड़ा इकाई में काम करने वाले सुनील कुमार ने बताया कि शनिवार को उनके पड़ोस में कुछ लोग यह चर्चा कर रहे थे कि सरकार 18 जून से सख्त लॉकडाउन लागू कर सकती है। जिसकी मियाद एक महीने की होगी। सुनील कुमार ने आगे कहा कि पिछली बार मैं पैदल घर को निकले लोगों के साथ जाने का साहस नहीं जुटा पाया था लेकिन इस बार मैंने बरेली जाने का फैसला किया है।
वहीं, नांगलोई में दर्जी का काम करने वाले तफील अहमद ने कहा कि दिल्ली की स्थिति पहले से ही खराब थी और हमने लॉकडाउन के वक्त देखा कि यह और कितनी खराब हो सकती है। इसलिए अब हम एक दिन का भी इंतजार नहीं करने वाले हैं और आप यह नहीं जानते कि सरकार कब समय के साथ इसकी घोषणा कर दे।
उत्तर प्रदेश रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह ने कहा कि हमने रविवार को 698 बसें अलग-अलग जिलों में भेजी जिनमें 23,198 यात्री सवार थे। वहीं सोमवार को 175 बसों के जरिए 6 हजार से अधिक यात्रियों को भेजा गया। उन्होंने बताया कि इनमें से ज्यादातर यात्री डरे हुए थे उन्हें लग रहा था कि जल्द ही एक और लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है। हमने उनके भ्रम को दूर करने का प्रयास भी किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
लॉकडाउन को लेकर सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अभी लागू करने को लेकर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में हमारी आप सभी से सिर्फ इतनी ही अपील है कि भ्रामक जानकारी के जाल में न फंसे और न ही भ्रामक जानकारी को आगे बढ़ाएं।