Magh Vinayaka Chaturthi 2024: माघ विनायक चतुर्थी व्रत से घर में आती है खुशहाली

By प्रज्ञा पाण्डेय | Feb 13, 2024

अभी माघ मास चल रहा है, हिन्दू धर्म में इसे बहुत पवित्र माना जाता है। इस महीने के व्रत भी बहुत खास होते हैं, इस महीने में किया जाने वाला माघ मास विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है, तो आइए हम आपको माघ विनायक चतुर्थी का महत्व एवं व्रत की विधि के बारे में बताते हैं। 


जानें माघ विनायक चतुर्थी के बारे में 

आज मंगलवार के दिन कुंभ संक्रांति और माघ महीने की विनायक चतुर्थी है यानी कि आज सूर्य देव, गणेश जी और बजरंगबली की पूजा का खास संयोग बन रहा है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का विधान है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार विनायक चतुर्थी 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार को है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है।


गणपति जी को दूर्वा की घास, हनुमान जी को बूंदी के लड्‌डू, और सूर्य देव लाल फूल चढ़ाएं। पंडितों का मानना है कि इससे आरोग्य, धन, सुख, समृद्धि और करियर में लाभ मिलता है। माघ विनायक चतुर्थी पर गणेश जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन दक्षिण भारत में गणपति जी का जन्म हुआ था। कुंभ संक्रांति पर आज सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।

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माघ विनायक चतुर्थी के दिन इन उपायों से होगा लाभ

आज मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूरी चोला चढ़ाएं। पंडितों का मानना है कि इससे नौकरी, व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है। इसके अलावा आज गणपति जी को भी सिंदूर चढ़ाएं, कहते हैं इससे शिक्षा प्राप्ति की राह आसान बनती है।


माघ विनायक चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 12 फरवरी शाम 5:44 बजे से हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे हो जाएगा। माघ महीने में आज 13 फरवरी को विनायक चतुर्थी का पवित्र पर्व मनाया जा रहा है।


माघ विनायक चतुर्थी का महत्व

माघ विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जयंती मनायी जाती हैं, विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा दोपहर में की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन बप्पा की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता और बुद्धि प्राप्ति होती है। पंडितों का मानना है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


माघ विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा 

पंडितों के अनुसार चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें एवं साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें। अब दीपक जलाएं और भगवान गणेश को फूल, माला, दूर्वा अर्पित करें। गणेश चालीसा का पाठ करें और भगवान गणेश की आरती करें। इस अवसर पर भगवान गणेश को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है. बूंदी के लड्डू या मोदक का भगवान गणेश को भोग लगाना शुभ होता है। इसके बाद अन्य लोगों में प्रसाद का वितरण करें।


माघ विनायक चतुर्थी व्रत से होते हैं ये लाभ

पंडितों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करके भक्त सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं, जो लोग बुरे दौर से गुजर रहे हैं या जीवन में असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस व्रत का पालन करना चाहिए और भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, पीले वस्त्र और मिठाई का भोग लगाना चाहिए। भगवान गणेश विघ्नहर्ता माने गए हैं, इनके भक्तों को कभी कष्ट नहीं झेलने पड़ते। साथ ही बुध और राहु-केतु की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।


माघ विनायक चतुर्थी व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म में विनायक व्रत से जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार माता पार्वती के मन में एक बार विचार आया कि उनका कोई पुत्र नहीं है। इस तरह एक दिन स्नान के समय अपने उबटन से उन्होंने एक बालक की मूर्ति बनाकर उसमें जीव भर दिया। उसके बाद वह एक कुंड में स्नान करने के लिए चली गयीं। उन्होंने जाने से पहले अपने पुत्र को आदेश दे दिया कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति को अंदर प्रवेश नहीं करने देना। बालक अपनी माता के आदेश का पालन करने के लिए कंदरा के द्वार पर पहरा देने लगता है। थोड़ी देर बाद जब भगवान शिव वहां पहुंचे तो बालक ने उन्हें रोक दिया। भगवान शिव बालक को समझाने का प्रयास करने लगे लेकिन वह नहीं माना। क्रोधित होकर भगवान शिव त्रिशूल से बालक का शीश धड़ से अलग कर दिया। उसके बाद माता पार्वती के कहने पर उन्होंने उस बालक को पुनः जीवित किया।


माघ विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा 

माघ मास में आने वाली विनायक चतुर्थी का खास महत्व होता है। पंडितों के अनुसार इस दिन दोपहर में पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान गणपति की पूजा अर्चना 108 दूर्वा की पत्तियों से करें। गाय के घी का दीपक जलाकर वक्रतुंडाय हुं मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के बाद पूजा के स्थान में रखे हुए जल का छिड़काव इन्हीं दूर्वा की पत्तियों से सारे घर में करें। विद्वानों के अनुसार इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में खुशहाली आती है और असंभव काम भी संभव हो जाएंगे। 


- प्रज्ञा पाण्डेय

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