By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 28, 2020
महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘‘अगर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व राज्य के हित में प्रदेश ईकाई को शिवसेना के साथ गठबंधन करने को कहता है... मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यदि दोनों पार्टियां (भाजपा और शिवसेना) साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम भविष्य में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे।’’ भाजपा और उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और शिवसेना ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया। उसके बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का गठन किया और इस सरकार के मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा का रूख स्पष्ट करते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘हम पिछले पांच साल शिवसेना के साथ काफी उदार रहे। यहां तक कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हम पार्टी के साथ और मंत्री पद साझा करने को तैयार थे, लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते भाजपा किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बांट सकती।’’
बहरहाल, फडणवीस ने पाटिल के बयान के बाद लग रहे कयासों को विराम दे दिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने यहां विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दरअसल, एक सवाल के जवाब में पाटिल ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को लेकर टिप्पणी की। आज के दिन किसी भी पार्टी (शिवसेना या भाजपा) की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं है।’’ नड्डा ने सोमवार को महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा था कि वे अपने बूते पर राज्य में पार्टी की सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं।