By अनन्या मिश्रा | Jun 26, 2025
नई शिक्षा नीति हुई लागू
पुरानी शिक्षा नीति के हिसाब से ग्रेजुएशन कोर्स तीन साल का था। हालांकि कोर्स के बीच में स्टूडेंट एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में अपना सिर्फ माइग्रेशन करा सकते थे। लेकिन वह यूनिवर्सिटी नहीं बदल सकते थे। वहीं अगर स्टूडेंट बीच कोर्स में किसी दूसरी यूनिवर्सिटी जाता था, तो उनका पहला अकैडमिक स्कोर बेकार माना जाता था। लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का ऑप्शन मौजूद है।
नई शिक्षा नीति के तहत ग्रेजुएशन कोर्स 4 साल का कर दिया गया है। ऐसे में अब स्टूडेंट एक साल का कोर्स करके पढ़ाई छोड़ सकता है और दूसरी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। वहीं इसके लिए स्टूडेंट्स का अकैडमिक रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा, जिसका नाम एबीसी आईडी होगा।
डिजिटल स्कोर हाउस
बता दें कि इसमें साल में स्टूडेंट्स की ओर ली गई ट्यूटोरियल, क्लास, लैब वर्क, प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप आदि का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इन सब चीजों में हिस्सा लेकर स्टूडेंट को एक मिनिमम स्कोर प्राप्त करना होगा, जोकि उनके अकैडमिक बैंक क्रेडिट आईडी से जुड़ेगा।
ऐसे में जब स्टूडेंट बीच कोर्स में से एक यूनिवर्सिटी से दूसरी यूनिवर्सिटी जाएगा। तब उसका यह क्रेडिट आईडी दूसरी यूनिवर्सिटी में जारी रहेगी। जिससे स्टूडेंट को दूसरी यूनिवर्सिटी में एडमिशन में सहूलियत मिल जाएगा। एक तरह से ABC आईडी स्टूडेंट्ट का डिजिटल स्कोर हाउस होगा। इसमें स्टूडेंट ने जिस-जिस संस्थान से पढ़ाई की है, उसका लेखाजोखा और प्रदर्शन आदि रहेगा। इस तरह से यह डिजिटल स्कोर हाउस छात्र की ओर से अर्न किए गए क्रेडिट होंगे।