Parliament में ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ नारों पर रोक की खबरों पर Mamata Banerjeeने जताई चिंता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 26, 2025

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इन खबरों पर चिंता जताई कि सांसदों को संसद के अंदर ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ कहने से कथित तौर पर रोका जा रहा है, और पूछा कि क्या पश्चिम बंगाल की पहचान को कमजोर करने के लिए ऐसा किया जाता है।

बनर्जी ने कहा कि उन्हें खबरें मिली हैं जिनमें दावा किया गया है कि सदन में देशभक्ति के नारे लगाने की इजाजत नहीं है। यहां रेड रोड पर बीआर आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं, और मैं सांसदों से पूछूंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जय हिंद और वंदे मातरम संसद में नहीं कहा जा सकता। हमें याद रखना चाहिए कि वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगीत है। हमारे सभी नारे वंदे मातरम हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला इंकलाब का नारा होता था। इसे कैसे भुलाया जा सकता है? क्या वे बंगाल की पहचान को खत्म करना चाहते हैं?’’

उन्होंने कहा कि बंगाल ‘‘देश का एक अभिन्न हिस्सा है और (वह) हमेशा लोकतंत्र के लिए लड़ा है’’। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्ला (बंगाल) भारत के बाहर नहीं है। यह भारत का ही हिस्सा है। और हमें यह कहते हुए गर्व है कि बंगाल हमेशा हमारे देश के लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, एकता और विविधता के लिए लड़ता है।’’

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1870 के दशक में वंदे मातरम लिखा था, जिसे 1950 में आधिकारिक रूप भारत के राष्ट्रगीत के तौर पर अपनाया गया था। यह गीत पहली बार 1882 में बांग्लाउपन्यास ‘आनंदमठ’ में आया।

राज्यसभा सचिवालय ने 2024 में सदस्यों को याद दिलाया था कि वे सदन के अंदर या बाहर वंदे मातरम और जय हिंद जैसे नारों का इस्तेमाल न करें। इसे संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन बताया गया। ‘राज्यसभा के सदस्यों के लिए हैंडबुक’ में उल्लेखित परामर्श 2024 में संसद कासत्र शुरू होने से पहले जारी किया गया था।

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