PM पद की दौड़ में ममता का नाम उभरना कुछ नया नहीं: डेरेक ओ ब्रायन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 25, 2018

नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वर्ष 2018-19 संघीय तरीके से सोचने का साल है और क्षेत्रीय पार्टियां केंद्र में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि इस सांचे में ममता बनर्जी सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ममता के प्रमुख दावेदार के तौर पर उभरने में कुछ भी नया नहीं है।

ओ ब्रायन ने यह टिप्पणी तब की जब एक दिन पहले ही ऐसी खबरें आईं कि कांग्रेस विपक्ष के ऐसे किसी नेता को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार कर सकती है जिसकी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस) की नहीं रही हो। तृणमूल नेता ने यहां पत्रकारों से कहा कि यह 2018-19 ‘संघीय’ तरीके से सोचने का साल है। लेकिन इन चीजों पर फैसला बाद में होगा। हकीकत यह है कि हर कोई जनकेंद्रित सरकार चुनने और भाजपा को हटाने पर ध्यान दे रहा है। तो इस सांचे में ममता बनर्जी सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।

राज्यसभा सदस्य ओ ब्रायन ने दावा किया कि 40 साल के राजनीतिक संघर्ष की वजह से ममता को न सिर्फ पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरे देश के लोग स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हालांकि ममता को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का नाम सबसे बड़े दावेदारों के तौर पर उभरने में कुछ नया नहीं है। 

 

ओ ब्रायन ने कहा कि एकजुट विपक्ष का पूरा ध्यान यह संदेश फैलाने पर है कि भाजपा ने अपने लोगों को निराश किया है और उसकी सीटें 100 से 150 के बीच सीमित कर दी जाएं। अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए ममता क्षेत्रीय पार्टियों का एक संघीय मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन विपक्ष की ज्यादातर पार्टियां उनके प्रयासों को लेकर संशय में हैं।

 

तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, ममता अगले हफ्ते तीन दिन के दौरे पर दिल्ली आएंगी और कोलकाता में जनवरी में होने जा रही संघीय मोर्चे की रैली में शामिल होने के लिए विपक्षी नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर न्योता देंगी। ममता 31 जुलाई को दिल्ली आने वाली हैं। अपने पिछले दिल्ली दौरों के दौरान ममता ने क्षेत्रीय एवं विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी। 

 

विपक्षी खेमे में ऐसी अटकलें हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में किसी महिला नेता को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सकता है। बसपा प्रमुख मायावती और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के नामों की चर्चा जोरों पर है।

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