Trump को धूल चटाया, फिर भारत का 1947 वाला नियती से मिलन वाला किस्सा सुनाया, ममदानी ने अपने अंदाज से US के साथ मोदी को भी चौंकाया

By अभिनय आकाश | Nov 06, 2025

"इतिहास में कभी-कभी ऐसा क्षण आता है जब हम पुराने से नए युग में कदम रखते हैं, जब एक युग समाप्त होता है और जब एक राष्ट्र की लंबे समय से दबाई गई आत्मा को अभिव्यक्ति मिलती है।"

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का वो शहर जहां वहां की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है। एक ऐसा शहर जहां 91 के हमलों के बाद 3000 लोगों की मौत हुई और हर शख्स मुसलमानों को शक की निगाह से ही देखने लगा। उसी शहर की गलियों से एक मुस्लिम लड़का खड़ा हुआ। राजनीति में उतरा। ऐसे नेताओं को उसने चुनौती दी जिनके पीछे कई अरबपतियों की बैकिंग थी। फिर भी वह लड़का उनके आगे चट्टान की तरह खड़ा रहा। उस शहर में जहां उसकी मुस्लिम पहचान पर भद्दी भद्दी बातें बोली गई। वो अपनी पहचान को छिपाता नहीं बल्कि उसे गर्व के साथ अपने साथ लेकर चलता है। शहर के मेयर का चुनाव लड़ता है और इस चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करता है। हम जोहरान ममदानी की बात कर रहे हैं जिन्होंने 5 नवंबर को न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत लिया। ममदानी ने अपने भाषण में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के उन लफ्जों को दोहराया जो नेहरू ने 200 बरस की अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के बाद कहे थे। इतिहास में उस प्रसिद्ध भाषण को ट्रिस विद डेस्टिनी के नाम से याद किया जाता है। ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में 50.4 प्रतिशत वोट हासिल किए। उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस सिल्वा को मात दी।

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ममदानी का भारतीय कनेक्शन

जोहरान ममदानी का भारत से भी गहरा कनेक्शन है। उनका जन्म तो युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था लेकिन माता-पिता भारतीय मूल के है। उनकी मां मीरा नायर मशहूर भारत फिल्म डायरेक्टर हैं। नायर की फिल्म जैसे सलाम बॉम्बे और मॉनसून वेडिंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया है। वहीं, ममदानी के पिता महमूद ममदानी युगांडा-भारतीय मूल के हैं। जन्म बॉम्बे में हुआ था। पेशे से प्रफेसर और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं।

जोहरन ने अपने बचपन के कुछ साल साउथ अफ्रीका के केप टाउन में बिताए। वहां उन्होंने सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की। 7 साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ न्यू यॉर्क आ गए। उन्होंने 2014 में बोडोइन कॉलेज से ग्रैजुएशन की। ममदानी ने उर्दू में अपना चुनावी कैंपेन भी किया था। उन्होंने 2018 में अमेरिकी नागरिक के रूप में नागरिकता हासिल की थी। 2020 में न्यू यॉर्क राज्य विधानसभा के लिए चुनाव जीता, जहां उन्होंने क्वींस के 36वें जिले का प्रतिनिधित्व किया। फिर वह 2022 और 2024 के चुनावों में बिना विरोध के चुने गए। जोहरान ममदानी पर मां के कला व्यवसाय का भी काफी असर रहा। ममदानी एक हिप-हॉप कलाकार भी रह चुके जो यंग कार्डेमम या मिस्टर कार्डेमम नाम से जाने जाते हैं। 2019 में एक गाना भी रिलीज किया था। ममदानी ने इसी साल सीरियाई-अमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से शादी की है। जहां अपनी विक्ट्री स्पीच के बाद ममदानी अपनी पत्नी के साथ 'धूम मचा ले' गाने पर झूमते नजर आए। वहीं, भारतीय-अमेरिकी वोटर्स तक पहुंचने के लिए उनके चुनावी कैंपेन में हिट हिंदी फिल्मों के गाने और डायलॉग का असरदार इस्तेमाल किया गया था। 

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न्यूयॉर्क दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी

लगभग 90 लाख की आबादी वाला न्यूयॉर्क अमेरिका का सबसे बड़ा शहर है। 2.322 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी वाला न्यूयॉर्क यदि स्वतंत्र राष्ट्र होता, तो यह दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी होता। न्यूयॉर्क में लगभग 8 लाख भारतीय रहते हैं, अमेरिका में ये संख्या सर्वाधिक है। न्यूयॉर्क अमेरिकी पॉलिटिक्स का कंपास (दिशासूचक) कहलाता है। इस शहर को मूड ऑफ द नेशन भी कहते हैं। यहां अभी डेमोक्रेटिक गवर्नर हैं। ममदानी आम आदमी और मिडिल क्लास के मुद्दे उठाते हैं। इसमें बढ़ते किराए पर रोक का बिल लाना, सुपर रिच पर टैक्स बढ़ाना शामिल है। ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सिल्वा तीसरे नंबर पर हैं। दूसरे नंबर पर डेमोक्रेट बागी कूमो हैं। ट्रम्प ने कूमो को समर्थन दिया है। ट्रम्प की पार्टी वर्किंग और मिडिल क्लास के लिए कोई प्रोग्राम नहीं ला पाई।

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अमीर बनाम गरीब की जंग में बदला चुनाव

ममदानी ने सबसे बड़े शहरों में शुमार न्यू यॉर्क के इस चुनाव को अमीर बनाम गरीब की जग में बदल दिया था। उन्होंने न्यू यॉर्क में बच्चों के लिए 'फ्री केयर' शुरू करने, सब्सिडी वाले घरों का किराया (फ्रोज) फिक्स करने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मुफ्त यात्रा देने और शहर प्रशासन की ओर से तस्ते किराने की दुकाने खोलने जैसे बादे किए। इन वादी ने महगराई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधाओं की कमी और गहरी आर्थिक असमानताए झेल रहे न्यू यॉर्क के आम तबके में नई उम्मीद जगा दी।

मैं नहीं था तब हारे

चुनाव से पहले एलन  मस्क ने दर्जनों पोस्ट ममदानी खिलाफ एक्स पर लिखे। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोन्ड ट्रंप ने उनके खिलाफ कई बयान दिए ट्रुथ सोशल पे तो कितने पोस्ट लिखे। पिछले दो हफ्तों में ममदानी के खिलाफ सोशल मीडिया में हेट कैंपेन के जैसे बाढ़ आ गई थी। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने  कहा कि रिपब्लिकन पार्टी को मंगलवार के चुनावों में हार इसलिए झेलनी पड़ी क्योंकि वह खुद बैलट (मतपत्र) पर नहीं थे और देश में शट डाउन जारी है। डेमोक्रेट जोहरान ममदानी ने न्यू यॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वहीं, उनकी पार्टी की नेता मिकी शेरिल न्यू जर्सी की गवर्नर बनीं और एबिगेल स्पैनबर्गर वर्जीनिया की नई गवर्नर चुनी गई। ट्रंप ने 'टुथ सोशल' पर लिखा, ट्रंप बैलेट पर नहीं थे और शटडाउन यही दो वजहें है रिपब्लिकन की हार की। 

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बढ़ने वाली है रिपल्बिकंस की चिंता

यूएस मिड टर्म इलेक्शन (मध्यावधि चुनाव) में ठीक एक साल का वक्त हैं। अगले साल नवंबर में मध्यावधि चुनाव होंगे। इससे पहले मेयर स्तर के इलेक्शन को यूएस राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की पहली बड़ी परीक्षा माना जा रहा था। नतीजों ने साफ कर दिया कि ट्रंप इस परीक्षा में पास नहीं हो पाए। डेमोक्रेट्स ने न्यू यॉर्क सिटी का मेयर चुनाव, न्यू जसीं और वर्जीनिया का गवर्नर चुनाव और कैलिफोर्निया में प्रपोजिशन-50 जनमत संग्रह में जीत हासिल की।

ट्रंप के लिए संदेश

 ममदानी और डेमोक्रेट्स की जीत ट्रंप की नीतियों और ट्रंप प्रशासन के लिए झटका है। ये नतीजे ट्रंप को ये सोचने को मजबूर करेंगे कि अमेरिका के लोग उनकी नीतियों को पसंद कर रहे है या नहीं।  ट्रंप के व्यक्तित्व में जिद्दीपन हमेशा दिखाई देता है है और वे जब जब भी चुनाव हारते हैं तो इसे स्वीकार नहीं करते और अपनी पोजिशन पर अड़े रहते हैं। इससे यह भी संभावना है कि चुनाव के नतीजों के बाद भी ट्रंप अपनी नीतियों पर पुनर्विचार ना करें। लेकिन वे एक बिजनेसमैन भी हैं और फायदा नुकसान समझते हैं। इससे इसकी संभावना भी है कि वे बिना ज्यादा हल्ला किए धीरे से ही अपनी नीतियों पर बदलाव लाना शुरू कर सकते हैं। ट्रंप ने इमिग्रेट्स को लेकर बहुत सख्त नीति अपनाई है। न्यू यॉर्क में मदनानी ने अपनी जीत को इमिग्रेट्स की जीत बताया है। न्यू जर्सी में भी वोटर्स ने इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर सवाल उठाए थे। ट्रंप की इमिग्रेशन पॉलिसी पर अब चर्चा भी और विरोध भी तेज हो सकता है। 

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