By अंकित सिंह | Jul 29, 2025
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए वक्ताओं की सूची से खुद को और अपने साथी सांसद शशि थरूर को बाहर रखे जाने पर अपनी पार्टी पर कटाक्ष किया। आनंदपुर साहिब से सांसद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में एक समाचार लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें वक्ताओं की सूची से उन्हें बाहर किए जाने पर प्रकाश डाला गया था। तिवारी ने 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के प्रसिद्ध देशभक्ति गीत "है प्रीत जहाँ की रीत सदा" के बोल भी साझा किए।
इसके बाद मनीष तिवारी की नराजगी की खबरें चर्चा में है। उन्होंने मीडिया से कहा, "अंग्रेजी में एक कहावत है- 'अगर आप मेरी खामोशी को नहीं समझते, तो आप मेरे शब्दों को कभी नहीं समझ पाएंगे।" सूत्रों ने बताया कि तिवारी चर्चा में भाग लेना चाहते थे और उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) के कार्यालय को एक पत्र लिखकर बोलने की इच्छा भी जताई थी। हालाँकि, कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारने का फैसला नहीं किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस सांसद अमर सिंह को भी कांग्रेस ने बहस में बोलने के लिए नहीं चुना।
थरूर के मामले में, कांग्रेस ने केरल के सांसद से चर्चा के दौरान बोलने का अनुरोध किया था। हालाँकि, सूत्रों के अनुसार, थरूर ने यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि वह ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना में पार्टी लाइन का पालन नहीं कर पाएँगे। थरूर ने पार्टी नेतृत्व को बताया कि जब भी वह विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उनका यह विचार हमेशा से रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा है और वे इस लाइन से विचलित नहीं हो सकते। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह संसद में बोलेंगे, तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह "मौन व्रत" पर हैं।