By अनन्या मिश्रा | Oct 24, 2025
जब भी हिंदी फिल्मों के सदाबहार गीतों की बात की जाती है, तो कुशोर कुमार और मोहम्मद रफी के साथ मन्ना डे का नाम भी लिया जाता है। बता दें कि मन्ना डे की आवाज इतनी मधुर और पहचानने वाली थी कि एक समय को श्रोता फिल्मों के नाम भले ही भूल जाएं, लेकिन मन्ना डे के गाए गीत नहीं भूलते। आज ही के दिन यानी की 24 अक्तूबर को गायक मन्ना डे का निधन हो गया था। लेकिन उनके द्वारा गाए गए गीतों को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर मन्ना डे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 01 मई 1919 को मन्ना डे का जन्म हुआ था। इनका असल नाम प्रबोध चंद्र डे था। मन्ना डे ने फिल्म इंडस्ट्री में अपन करियर की शुरूआत साल 1942 में आई फिल्म 'तमन्ना' से की थी। इस फिल्म में उन्होंने फेमस गायिका सुरैया के साथ गाया था। इसके बाद साल 1943 में आई फिल्म 'राम राज्य' में 'गई तू गई सीता सती' गाया था, जिसको महात्मा गांधी ने भी सराहा था।
बता दें कि मन्ना डे की यह खासियत थी कि वह मुश्किल और चुनौतीपूर्ण गानों को सहजता से गा लेते थे। संगीतकारों ने उनकी गायकी क्षमता को देखते हुए हमेशा कठिन गीतों के लिए मन्ना डे का चयन किया था। वहीं राजकपूर ने भी कई फिल्मों में मन्ना डे को चुना। उन्होंने साल 1956 में आई फिल्म 'चोरी चोरी' में गीत 'ये रात भीगी भीगी' को मुकेश की जगह मन्ना डे और लता मंगेशकर से रिकॉर्ड कराया था। यह गीत आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे रोमांटिक गीतों में से एक माना जाता है।
मन्ना डे के गायन की तारीफ उनके समकालीन कलाकारों ने भी किया था। लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी भी मन्ना डे के गीतों के कायल थे। लता मंगेशकर ने मन्ना डे को उपकार फिल्म के 'कसमें वादे प्यार वफा' के लिए बेहद सराहा था।
मन्ना डे ने हिंदी और बांग्ला के अलावा कुल 14 भाषाओं में गाने गाए हैं। उन्होंने 5 दशकों के अपने करियर में करीब 3,046 गाने रिकॉर्ड किए। उनके फेमस गीतों में 'जिंदगी कैसी ये पहली', 'यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी', 'कसमें वादे प्यार वफा', तू प्यार का सागर है', 'ये दोस्ती', 'जिंदगी कैसी है पहेली', 'आ जा सनम मधुर चांदनी', 'यशोमति मैया से', 'एक चतुर नार' और 'प्यार हुआ इकरार हुआ' शामिल हैं।
वहीं 24 अक्टूबर 2013 को मन्ना डे ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।