महिलाओं से औसतन 7 साल कम जीते हैं पुरुष, जानें क्यों घट रही है उनकी उम्र

By एकता | Aug 06, 2025

क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है कि हमारे आस-पास ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं होती हैं? और जब हम किसी बडे ग्रुप को देखते हैं, तो वहां भी पुरुषों के मुक़ाबले महिलाएं ज्यादा होती हैं। अगर आप ध्यान से देखेंगे, तो यह कोई संयोग नहीं है।


आंकडे बताते हैं कि औसतन, महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं। दुनिया भर में, महिलाओं का जीवनकाल पुरुषों से लगभग 7 साल ज्यादा होता है। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में, 57% महिलाएं होती हैं, और 85 साल की उम्र तक तो यह आंकडा 67% तक पहुंच जाता है। तो, पुरुषों को क्या हो जाता है? क्यों औसतन वे जल्दी दुनिया को अलविदा कह देते हैं? इसके पीछे कई वजहें हैं, जो बचपन से ही शुरू हो जाती हैं और धीरे-धीरे इस अंतर को बढाती जाती हैं।

 

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रिस्क लेने की आदत

पुरुषों में जोखिम उठाने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है, और इसकी वजह कहीं न कहीं हमारी जैविक बनावट से जुडी हुई है। हमारा दिमाग, खासकर वो हिस्सा जो फैसले लेने और उसके नतीजों के बारे में सोचने में मदद करता है, वो लडकों में लडकियों के मुकाबले थोडा धीरे विकसित होता है। यही वजह है कि दुर्घटनाओं, जैसे बाइक रेसिंग, नशे में गाडी चलाना या हिंसा में ज्यादातर पुरुष ही जान गंवाते हैं। यह आदत सिर्फ़ खतरनाक कामों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे कई पुरुष धूम्रपान या बहुत ज्यादा शराब पीने जैसी गलत आदतों में भी पड जाते हैं।


खतरनाक काम

कुछ सबसे खतरनाक और जोखिम भरे काम, जैसे सेना, फायरफाइटिंग और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करना, इन सब में पुरुषों की संख्या महिलाओं से कहीं ज्यादा होती है। इन कामों में जान का खतरा भी ज्यादा होता है।


दिल की बीमारी

पुरुष दिल की बीमारियों से ज्यादा और कम उम्र में मरते हैं। आंकडों के अनुसार, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में दिल की बीमारी से मरने की संभावना 50% ज्यादा होती है। इसका एक कारण एस्ट्रोजन हॉर्मोन का कम होना भी हो सकता है, लेकिन साथ ही, खराब लाइफस्टाइल और इलाज न करवाया गया हाई ब्लड प्रेशर भी इसका एक बडा कारण है।


डॉक्टरों से दूरी

आपने शायद देखा होगा कि पुरुष अक्सर डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं। वे नियमित जांच नहीं करवाते और लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं। यह आदत उन्हें छोटी-मोटी बीमारियों का शिकार बनाती है, जो आगे चलकर बडी और जानलेवा बन जाती हैं।


आत्महत्या का ज्यादा खतरा

हालांकि महिलाओं में डिप्रेशन ज्यादा आम है और वे आत्महत्या की कोशिशें भी ज्यादा करती हैं, लेकिन पुरुषों में आत्महत्या की दर ज्यादा होती है। इसकी एक वजह यह हो सकती है कि पुरुष अपनी मानसिक परेशानियों को दूसरों से शेयर करने में हिचकिचाते हैं और मदद लेने से कतराते हैं। हमारे समाज में पुरुषों से यही उम्मीद की जाती है कि वे 'मजबूत' रहें, और यह सोच उन्हें चुपचाप अंदर ही अंदर घुटने पर मजबूर कर देती है।


कम सामाजिक जुडाव

यह बात थोडी अजीब लग सकती है, लेकिन जिन लोगों का सामाजिक दायरा छोटा होता है और जिनके दोस्त कम होते हैं, उनकी उम्र कम होती है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में सामाजिक मेलजोल कम होता है, और यह भी उनकी उम्र पर असर डालता है।

 

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लंबे जीवन के लिए हम क्या कर सकते हैं?

हालांकि कुछ चीजें हम नहीं बदल सकते, लेकिन कुछ आदतों को जरूर सुधार सकते हैं। अगर पुरुष नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, और अगर उन्हें कोई भी परेशानी (चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक) हो, तो मदद लेने से न कतराएं। ऐसा करने से वे अपनी जिंदगी को और लंबा और बेहतर बना सकते हैं। याद रखिए, ये सब आंकडे औसत पर आधारित हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हर पुरुष जल्दी मरेगा। आपकी लाइफस्टाइल, आपका स्वास्थ्य और आपकी आदतें तय करती हैं कि आप कितनी लंबी और स्वस्थ जिंदगी जिएंगे।

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