मिलिंद सोमन ने अपनी जिंदगी के खोले राज, 10 साल की उम्र में ज्वॉइन किया था आरएसएस

By रेनू तिवारी | Mar 12, 2020

बॉलीवुड एक्टर मिलिंद सोमन अकसर सुर्खियों में छाए रहते हैं कभी अपनी फिटेस्ट पर्सनालिटी को लेकर तो कभी अपनी कम उम्र के प्यार को लेकर... लेकिन इस बार मिलिंद सोमन इनमें से किसी वजह से नहीं बल्कि अपनी नयी किताब को लेकर चर्चा में बनें हुए हैं। मिलिंद सोमन ने अपने अनुभवों के साथ किताब लिखी है। उनकी किताब का नाम 'मेड इन इंडिया' है। इस बुक में उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों को भी साझा किया है। 

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अपने बचपन की कुछ बातों का खुलासा करते हुए 'मेड इन इंडिया' में मिलिंद ने लिखा कि एक वक्त वो था जब मैं आरएसएस के साथ जुड़ा था। मेरे बाबा को ये लगता था कि आरएसएस से एक युवा लड़के के अंदर अनुशासन, जीवन जीने का सही तरीका, फिटनेस और अच्छी समझ आती है। जब मैं छोटा था तो मुझे याद है कि हमारे करीबी ऐसा ही सोचते थे। हमारे यहां आरएसएस की लोकल शाखा शिवाजी पार्क में होती थी। शिवाजी पार्क जाना तो जैसे हमारा रूटीन हुआ करता था। 

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मिलिंद सोमन ने अपने आरएसएस ज्वाइन करने के अनुभव पर आगे लिखा कि मैं उस समय सोचता था कि आखिर मेरे माता-पिता में मुझ जैसे खुश रहने वाले लड़के को यहां क्यों भेज दिया यहां कितनी ताकत लगती है। मैं हमेशा सबसे पीछे खड़ा रहता था। जब मैंने आरएसएस को ज्वाइन किया था तब मेरी उम्र 10 साल की थी। मुझ हमेशा इस बात पर गुस्सा आता रहता था कि मेरे मां-बाप से ऐसा क्यों किया, मुझे यहां क्यों भेजा। आरएसएस में जो मेरे साथी थे उनमें ज्यादातर बुजुर्ग थे ये सभी काफी अनुशासन से रहते थे। कोई फन मस्ती नहीं हुआ करती थी। एकदम बॉक्सर वाले अंदाज में जीने का तरीका हुआ करता था।

 

धीरे-धीरे मैंने इसे अपना लिया और आरएसएस ने मेरी रोजमर्जा जिंदगी से कुछ चीजों को जोड़ दिया जैसे हर रोज शाम को वॉक पर जाना मेरी आदत में आ गया था। मैं हमेशा शाम को वॉक करता हूं। आज के समय में मीडिया में दिखाया जाता है कि आरएसएस सांप्रदायिक है, नुकसानदेह प्रोपैगैंडा वाला कहा जाता है शाखा के बारे में जब मैं यह सब सुनता हूं तो मुझे दुख होता है। हम जिस आरएसएस शाखा को जानते हैं वो तो काफी अलग है। मेरी यादों में जो शाखा है वो शाखा तो काफी अलग है। जब हम शाखा में जाते थे तो वहां हम खाकी कलर का शाॉर्ट्स पहते थे, साथ में मार्च करते, गाना गाते थे। हम साथ में मिलकर संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण भी करते थे जिसका हमें अर्थ भी नहीं पता होता था। शाखा में हम साथियों के साथ मस्ती करते थे, खेलते थे, साथ में हमें बहुत मजा आता था।  मिलिंद आगे लिखते है कि मेरे पिता भी आरएसएस का हिस्सा रहे हैं। वो हमेशा कहते थे कि मैं हिंदू हूं और इस बात पर मुझे गर्व है। हिंदू होने पर गर्व क्यों? ये बात मुझे समझ नहीं आती थी लेकिन मुझे इसमें कुछ एतराज करने वाला कभी लगा भी नहीं। 

 

मिलिंद सोमन ने जब से खुलासा किया है तब से वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। अपने आपको सोशल मीडिया पर ट्रेंड होता देखकर मिलिंद ने एक ट्वीट किया। मिलिंद ने ट्वीट कर लिखा- '54 साल की उम्र में 10 साल की उम्र में हुए एक अनुभव के लिए ट्रेंड करना अच्छी बात है। काश मैं स्विमिंग के कारण चर्चा में होता, मैं उस वक्त स्विमिंग भी करता था।' 

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