By अंकित सिंह | Jul 27, 2024
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे के बाद केंद्र सरकार की आलोचना की कि नीति आयोग की बैठक में उनके भाषण के दौरान उन्हें अनुचित तरीके से रोका गया था। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में स्टालिन ने सवाल किया, क्या यह सहकारी संघवाद है? क्या एक मुख्यमंत्री के साथ व्यवहार करने का यही तरीका है? केंद्र की भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि विपक्षी दल हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं और उन्हें चुप कराने के लिए दुश्मनों की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।
एमके स्टालिन ने आगे साफ तौर पर कहा कि सहकारी संघवाद के लिए सभी आवाजों के लिए संवाद और सम्मान की आवश्यकता है। दिल्ली में बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक्रोफोन सिर्फ पांच मिनट के बाद काट दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए अधिक समय दिया गया। हालाँकि, केंद्र सरकार ने उनके आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके बोलने का आवंटित समय समाप्त हो गया था।
बैठक से बाहर निकलने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया था, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की। पाँच मिनट बाद ही मुझे बोलने से रोक दिया गया।” केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे पूरी तरह से झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में सीएम ममता बनर्जी शामिल हुईं। हम सबने उन्हें सुना। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्येक सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था। यह पूरी तरह झूठ है। हर सीएम को बोलने के लिए उचित समय दिया गया।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद था जो सच नहीं है। उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि फिर से झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि (नीति आयोग) बैठक में क्या हुआ है।' उन्होंने कहा कि मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि यह तथाकथित INDI गठबंधन बिल्कुल भी गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। वे जनता के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं, हाय तौबा मचा रहे हैं।