By नीरज कुमार दुबे | Apr 13, 2023
मोदी है तो मुमकिन है, यह नारा आपने खूब सुना होगा लेकिन योगी है तो यकीन है नारा भी उतना ही सार्थक और प्रचलित होता जा रहा है। योगी जिस तरह से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कानून का राज कायम करने में सफल हुए हैं उससे प्रधानमंत्री मोदी का वह दावा सही साबित हुआ है जिसके तहत उन्होंने योगी को यूपी के लिए उपयोगी बताया था। योगी ने अपने वादे के मुताबिक समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद को जिस तरह मिट्टी में मिलाया है वह अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए भी प्रेरक है।
योगी ने जब सत्ता संभाली थी तो सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को सुधारना ही था। राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान था कि योगी को चूंकि मुख्यमंत्री बनने से पहले कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था, इसलिए वह यूपी को संभाल नहीं पाएंगे। लेकिन योगी ने यूपी को संभाला, यूपी को सुधारा और यूपी में आगे बढ़ने का विश्वास पैदा कर प्रदेश को आगे बढ़ाया। जिस यूपी में कभी माफिया राज था, जिस यूपी में कभी माफिया और गैंगस्टर सपा-बसपा से सांसद और विधायक बन कर राज चलाया करते थे, जिस यूपी में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार हो गया था वहां आज योगी के शासन में माफिया खुद ही कह रहे हैं कि हमको मिट्टी में मिला दिया गया है।
आज यूपी में अपराधी अगर खुद थाने में आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं, मुठभेड़ में मार दिये जाने के डर से जमानत लेने की बजाय जेल में पड़े रहते हैं, गाड़ी पलटने के डर से पुलिस के वाहन में बैठने से डरते हैं, पत्थरबाज अपने इरादे बदल लेते हैं, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले जमीन छोड़ कर भागने लगते हैं और भ्रष्टाचारी अगर थर-थर कांपते हैं तो यह नारा सफल होता दिखता है कि योगी है तो यकीन है। इन बड़े-बड़े माफियाओं का यह हाल देखकर छोटे-मोटे अपराधियों का मनोबल तो पूरी तरह खत्म हो चुका है।
माफिया डॉन अतीक अहमद को ही लीजिये, उस पर सौ से ज्यादा केस दर्ज थे लेकिन हाल ही में उसे पहली बार किसी मामले में सजा हुई थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि बुलडोजर बाबा के राज से पहले सरकारें उत्तर प्रदेश में अपराधियों और आतंकवादियों का धर्म देख कर उनके खिलाफ मामले को अदालतों में आगे बढ़ाया करती थीं या उनके खिलाफ मामले वापस ले लिया करती थीं। इस सबसे पुलिस का मनोबल भी टूट जाता था लेकिन योगी राज में पुलिस का मनोबल भी बढ़ाया गया है और पुलिस बल का 'बल' भी बढ़ाया गया है। आज अखिलेश यादव और असद्दुदीन ओवैसी को भले अपराधियों का मुठभेड़ में मारा जाना न्याय तंत्र का मजाक लग रहा है लेकिन उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि यूपी पुलिस अपराधियों का जिस प्रकार खात्मा कर रही है उसमें उसे जनता का पूरा समर्थन हासिल है।
-नीरज कुमार दुबे