हर मां की यही कामना (कविता)

By आशीष श्रीवास्तव | May 11, 2019

परिवार रहें खुशहाल सभी

करें इक दूजे का सम्मान सभी

सेवाभाव हो सबके मन में

ईर्ष्या को दूर भगाएं सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

मर्यादा का पालन करके

अपने बनाये नियमों पे चलके

बातचीत से हल निकालकर

मिलजुलकर काम करें सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

सुख-समृद्धि आए घर में

रोग-दोष न आएं घर में

आचार-विचार न बिगड़ें किसी के

अच्छी जीवनशैली अपनाएं सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

मतभेद भले ही हो जाएं

मनभेद कभी न होने देना

सद्गुणों को अपना करके

तुलना करने से बचें सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

लालच के जाल, न फंसे कभी

व्यर्थ के विवाद, न पड़ें कभी

बनायें रखें एका हर हाल में

चाहें, परिवार की भलाई सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

शुभ संकल्पों और संस्कारों से

बचकर रहें सदा अहंकारों से

क्रोध-लोभ की आग बुझाएं

सदा हंसमुख रहें सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

अच्छाई की करें प्रसंशा

सादा जीवन हो सबकी मंशा

याद रखें सदा महापुरूषों की शिक्षा

घर के खर्चों में हाथ बंटायें सभी

परिवार रहें खुशहाल सभी

 

- आशीष श्रीवास्तव

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