हृदय संबंधी बीमारियों का पता लगाने में क्रांति ला सकता है एमआरआई: शोध

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 08, 2022

 लंदन|   मेग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) हृदय संबंधी बीमारियों का पता लगाने में क्रांति ला सकता है क्योंकि यह ईकोकार्डियोग्राफी से अधिक कारगर है। इतना ही नहीं एमआरआई मौत समेत रोगी को भविष्य में सामने आने वाली दिल संबंधी दिक्कतों का पूर्वानुमान जताने में भी महत्वपूर्ण माध्यम साबित हो सकता है।

एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी है जो हृदय संबंधी रोगों का पता लगाने के एक वैकल्पिक तरीके पर प्रकाश डालती है।

ईकोकार्डियोग्राफी में हृदय के स्वास्थ्य जांच के लिए अल्ट्रासाउंड तरंगों का उपयोग किया जाता है। अब तक हृदय रोगों का उपचार करने के लिए शल्य क्रिया सबसे अच्छा तरीका रहा है, लेकिन इसमें मरीजों के लिए जोखिम रहता है। वहीं, इसके बजाय गैर-शल्य ईकोकार्डियोग्राफी का भी सहारा लिया जाता है लेकिन यह लगभग 50 प्रतिशत तक मामलों में गलत साबित होती है।

शेफील्ड विश्वविद्यालय और ईस्ट एंगलिया विश्वविद्यालय केअध्ययनकर्ताओं द्वारा किया गया यह नया अध्ययन यूरोपीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ईस्ट एंगलिया विश्वविद्यालय से संबद्ध नॉरविक मेडिकल स्कूल से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता डॉ पंकज गर्ग ने कहा, हृदय के भीतर बढ़ते दबाव के परिणामस्वरूप दिल काम करना बंद कर देता है।

दिल संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए शल्य क्रिया सबसे अच्छा तरीका रहा है, लेकिन जोखिम के चलते इसको तरजीह नहीं दी जाती। शोधकर्ताओं के दल ने 835 मरीजों का अध्ययन किया जिनका एक ही दिन शल्य क्रिया और दिल का एमआरआई किया गया।

गर्ग ने कहा, हमने पाया कि हृदय के भीतर दबाव का पता लगाने में दिल का एमआरआई, ईकोकार्डियोग्राफी से अधिक कारगर है। ऐसे लगभग 71 प्रतिशत मरीज, जिनका हृदय के भीतर दबाव का नतीजा ईकोकार्डियोग्राफी में गलत पाया गया, वहीं, दिल के एमआरआई में उनका सही दबाव सामने आया।

प्रमुख खबरें

Mehbooba Mufti को मत मांगने के लिए बच्ची का इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी

BSF के जवान ने अज्ञात कारणों के चलते BSF चौकी परिसर में फाँसी लगाकर की आत्महत्या

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा